गौ-मूत्र की पहचान करने के साथ जीवामृत एवं ब्रम्हास्त्र बनाने की बताई गई विधि

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चाम्पा

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन में कृषि विज्ञान केन्द्र जांजगीर-चाम्पा एवं उप संचालक पशु विभाग के संयुक्त तत्वाधान में गौ-मूत्र से उत्पाद बनाने एवं गौ-मूत्र की शुद्धता की पहचान करने विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन खोखरा एवं तिलई के गौठान में किया गया। यह प्रशिक्षण गोठान समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु एवं जैविक खेती को बढ़ावा देने हेतु कारगार साबित होगा। प्रशिक्षण में गौ-’मूत्र से जीवामृत एवं ब्रम्हास्त्र बनाने की विधि को विस्तार से बताया गया। इसके साथ ही जीवामृत पौधे की वृद्धि एवं उत्पादकता को बढ़ाने हेतु प्रयोग करने, ब्रम्हास्त्र का उपयोग फसलों में लगने वाले कीट नियंत्रण हेतु करने के साथ ही साथ गौ-मूत्र की शुद्धता की पहचान कैसे की जानी है, इसकी विस्तृत जानकारी प्रायोगिक तौर पर गौठान समिति के सदस्यों एवं स्व-सहायता समूह की महिलाओं को प्रदान की गई। प्रशिक्षण में गौ-मूत्र की शुद्धता की पहचान हेतु पी.एच. मान स्ट्रीप एवं यूरोमीटर से उपस्थित समुदाय को रू-ब-रू कराया गया। खोखरा गोठान में उपसंचालक पशु विभाग डॉ. के.पी.पटेल, जनपद पंचायत नवागढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, खोखरा सरपंच, कृषि विज्ञान केन्द्र, जांजगीर -चाम्पा के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. राजीव दीक्षित एवं केन्द्र के वैज्ञानिक शशिकांत सूर्यवंशी एवं गौठान समिति के सदस्य व स्व-सहायता समूह की महिलाएं सहित सचिव उपस्थित थे।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!