छत्तीसगढ़ सरकार का शिक्षा में एक और नवाचार : आस-पास के स्कूल आपस में खेल शिक्षक, प्रयोगशालाएं, खेल के मैदान, जिम, पाठ्य सामग्री करेंगे साझा

छत्तीसगढ़ सरकार का शिक्षा में एक और नवाचार : आस-पास के स्कूल आपस में खेल शिक्षक, प्रयोगशालाएं, खेल के मैदान, जिम, पाठ्य सामग्री करेंगे साझा

July 21, 2022 Off By Samdarshi News

शालाओं में उपलब्ध संसाधनों का होगा अधिकतम उपयोग करने का हो रहा प्रयास

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

स्कूली बच्चे अब आस-पास के स्कूल में उपलब्ध प्रयोगशाला, खेल के मैदान, जिम उपकरणों, पाठ्य सामग्रियों और खेल शिक्षकों के अनुभव का लाभ ले सकेंगे। इस संबंध में समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक श्री नरेन्द्र दुग्गा ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी कर शालाओं में उपलब्ध विभिन्न संसाधनों का बच्चों के हित में अधिकतम एवं बेहतर उपयोग करने के लिए कहा है। सभी अधिकारियों को राज्य स्तरीय निरीक्षण से पहले शत-प्रतिशत शालाओं में इसे लागू करने कहा गया है।

जारी आदेश में कहा गया है कि शालाओं के निरीक्षण के दौरान यह बात सामने आ रही है कि शालाओं में उपलब्ध संसाधनों का अपेक्षित एवं प्रभावी उपयोग नहीं हो पा रहा है। शालाओं में उपलब्ध संसाधनों के बेहतर उपयोग न कर पाने की इस समस्या को दूर करने के लिए सभी शालाओं में तत्काल कार्यवाही सुनिश्चित करें। जिले में विभिन्न शालाओं में कार्यरत पीटीआई की विशेषज्ञता का लाभ आसपास के शालाओं में भी लिया जा सके, इस हेतु आवश्यक व्यवस्थाएं करें, जिससे विभिन्न खेलों का लाभ अधिकाधिक शालाओं में मिल सके। अटल टिंकरिंग शालाओं में उपलब्ध प्रयोगशालाओं का लाभ आसपास के स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी सुलभ करवाते हुए उन्हें विभिन्न प्रयोगों को करने एवं उपकरणों के अवलोकन का अवसर प्रदान करें। कुशल स्रोत व्यक्तियों और कुशल शिक्षकों का चिह्नांकन कर अन्य शिक्षकों का क्षमता विकास करें। खेल का मैदान, जिम के उपकरण एवं अन्य आवश्यक व्यवस्थाएं किसी एक शाला में होने की स्थिति में उसका लाभ आसपास की अन्य शालाओं के बच्चे ले सकें।

शिक्षा अधिकारियों से कहा गया है कि पाठ अनुसार ई-सामग्री की खोज इंटरनेट से करते हुए विषय अनुसार उपयोगी सामग्री को स्कूलों द्वारा आपस में पेन ड्राईव के माध्यम से साझा किया जा सकता है। ई-सामग्री को स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से बच्चों को सीखने में सहयोग देने हेतु उपयोग में लाया जा सकता है। स्थानीय भाषा के जानकार शिक्षक भी अपने भाषा संबंधी विशेषज्ञता का लाभ अपने अन्य साथी शिक्षक को दे सकते हैं।