छत्तीसगढ़ राज्य का प्रमुख त्यौहार हरेली जशपुर जिले में बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया गया : हरेली, हरियाली का है प्रतिक -किसान जोगेन्दर यादव ; हरेली पर्व हमारी गौरवशाली संस्कृति और विरासत का हिस्सा – डॉ मिथलेश पाठक

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प्रदेश की गौरवशाली छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं परम्परा को संजोने हेतु  प्रदेश सरकार दृढ़ संकल्पित- सूरज चौरसिया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख त्यौहार हरेली को जिले में बड़े ही उत्साह पूर्वक मनाया गया। हरेली की गरिमा और लोकप्रियता के संबंध में जानकारी देते हुए समाजसेवी सूरज चौरसिया ने कहा कि हरेली छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति को दर्शाने वाला पर्व है। यह ग्रामीण किसानों का पर्व है। किसान बड़े ही उत्साह के साथ ही इस त्यौहार को मनाकर अपनी सुख समृद्धि एवं चारों ओर हरियाली की कामना करते हैै। उन्होंने बताया कि प्रदेश की गौरवशाली छत्तीसगढ़ी संस्कृति एवं परम्परा को संजोने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार दृढ़ संकल्पित है। प्रदेश सरकार ने विगत वर्षो में हरेली पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाकर इस पर्व की मान व लोकप्रियता को पूरे देश में फैलाया है। पूरे राज्य में हरेली पर्व के अवसर पर गौठानो में पारंपरिक खेल छत्तीसगढ़ी पकवान सहित विविध प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। प्रदेश सरकार ग्रामीणों के हित एवं विकास के लिए अनेक योजनाओं का संचालन कर रही है। दो वर्ष पूर्व हरेली त्यौहार के अवसर पर ही राज्य में गोधन योजना के तहत गोबर खरीदी प्रारंभ हुई थी। जिससे ग्रामीणों को गोबर विक्रय से लाभ अर्जित हुआ। इस वर्ष हरेली त्यौहार के अवसर पर मुख्यमंत्री ने गौमूत्र खरीदी प्रारंभ की है। निश्चित रूप से इससे गौवंश की सेवा व गौपालकों को लाभ मिलेगा। इस हेतु उन्होंने प्रदेश सरकार के मुखिया श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद दिया। साथ ही हरेली पर्व की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं दी।

इसी प्रकार व्याख्याता नव संकल्प शिक्षण संस्थान डॉ. श्री मिथलेश पाठक ने कहा कि हरेली का पर्व हमारी गौरवशाली छत्तीसगढ़ी संस्कृति और विरासत का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से खेती-किसानी, हरियाली और पर्यावरण को समर्पित हरेली त्यौहार छत्तीसगढ़ के लोगों के प्रकृति के प्रति प्रेम और समर्पण को दर्शाता है। छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में हरेली का पर्व बड़े उत्साह और उमंग से मनाया जाता है। हरेली तिहार पर हम अच्छी फसल की कामना के साथ-साथ कृषि के काम आने वाले सभी तरह के उपकरणों की साफ-सफाई और पूजा करते है। वर्तमान में इस त्यौहार की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए युवा वर्ग को भी प्राथमिकता सेशामिल किया जा रहा है जिससे युवा भी इस पर्व की गरिमा को समझकर अपनी संस्कृति पर गौरवान्वित महसूस करे। कुनकुरी विकासखंड के जोकबहला पंचायत के किसान जोगेन्दर यादव ने भी हरेली की महत्व के बारे में बताते हुए सभी कृषक बंधुओं से एक साथ मिलकर इस पर्व को मनाने की बात कही। हरेली पर्व पर किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा करते है। घरों में पारंपरिक छत्तीसगढ़ी व्यंजन बनाए जाते है। उन्होंने कहा कि हरेली हरियाली का प्रतिक के रूप में मनाया जाता है। इसलिए खेती के साथ साथ अधिक से अधिक पौधरोपण करना चाहिए। जिससे चारों ओर हरियाली बनी रहे। उन्होंने सभी लोगों को धूम धाम से हरेली त्यौहार मनाने के लिए प्रेरित किया।

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