अपनी अक्षमता छुपाने अमित शाह धर्म की आड़ लेने लगे, महंगाई के खिलाफ आंदोलन को राम मंदिर से जोड़कर अमित शाह ने गरीबों के जले पर नमक छिड़का – मोहन मरकाम

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के आंदोलन को भाजपा नेता केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा अयोध्या के श्रीराम मंदिर शिलान्यास से जोड़े जाने को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने  भाजपा की पलायनवादी मानसिकता बताया है। भाजपा मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिये गलत बयानी कर रही है। भाजपा जब-जब जनहित की आवाज का सामना नहीं कर पाती तो वह धर्म की आड़ लेकर अपनी खाल बचाती है। कांग्रेस ने मोदी सरकार की मुनाफाखोरी वाली नीति के कारण बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, खाद्य पदार्थो पर लगाये गये जीएसटी और सेना में अग्निवीर की भर्ती के खिलाफ आंदोलन किया था। देश की जनता ने कांग्रेस के आंदोलन को हाथों हाथ लिया, लोग महंगाई, बेरोजगारी से परेशान है। मोदी सरकार और भाजपा संसद से लेकर सड़क तक कांग्रेस की आक्रामक लड़ाई से घबरा गयी उसने अपनी नाकामी को छुपाने के लिये एक बार फिर से धर्म की आड़ लेने की निंदनीय कोशिश किया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अमित शाह ने महंगाई के खिलाफ आंदोलन को धर्म से जोड़कर देश के 135 करोड़ लोगों की परेशानी का माखौल उड़ाने का काम किया है। शाह का बयान भाजपा की असंवेदनशीलता का नमूना है। भाजपा अपने राजनैतिक वजूद को बचाने किसी भी स्तर तक जा सकती है। भाजपा के पास पेट्रोल, डीजल 100 रू. लीटर, 1125 के घरेलू गैस के सिलेंडर, खाने का तेल 200 रू. लीटर, खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम का कोई तार्किक जवाब नहीं है तो अब अपनी कायरता छुपाने राम मंदिर का सहारा लेने में लग गये है। गृहणियों के चूल्हे बुझ रहे है, भाजपाई जनता को धर्म की अफीम चटाने की कोशिश में लगे है। महंगाई के खिलाफ आंदोलन को राम मंदिर से जोड़कर अमित शाह ने गरीबों के जले पर नमक छिड़का है।  कोई सामान्य बुद्धि का व्यक्ति भी अमित शाह के बयान को भाजपा की मूर्खता मानेगा।

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