तालुका विधिक शिविर: मानसिक रोगियों से करें संवेदनशील व्यवहार – एडीजे अजीत कुमार

October 10, 2021 Off By Samdarshi News

देश की आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत कुनकुरी में हुआ आयोजन

राष्ट्रीय, छत्तीसगढ़ एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर हुआ आयोजन

सागर जोशी, समदर्शी न्यूज़

कुनकुरी. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य विधि सेवा तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर के द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत पेन इंडिया अवेयरनेस एण्ड आउटरीच अभियान 2 अक्टूबर से 14 नवम्बर की अवधि के एक्शन प्लॉन के अन्तर्गत तालुका विधिक सेवा कुनकुरी के अध्यक्ष अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार राजभानु के द्वारा रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अन्तर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुनकुरी में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस जागरूकता कार्यक्रम में बीएमओ श्रीमती के कुजूर के साथ अन्य चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मचारी एवं गणमान्य नागरिका उपस्थित रहे।

तालुका विधिक सेवा के अध्यक्ष न्यायाधीश श्री अजीत ने अन्तर्राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य दिवस के आयोजन के उद्देश्य एवं पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा के संबंध में लोगो को जागरूक करने एवं मानसिक स्वास्थ्य समस्या से ग्रस्त व्यक्तियों के समय पर उचित उपचार की आवश्यकता का उल्लेख किया साथ ही उन्होने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम 2017 के अन्तर्गत अधिनियम के उद्देश्यों एवं प्रावधानों पर प्रकाश डालते हुए अपने संबोधन में कहा कि यह अधिनियम मानसिक रोगियों के गरिमा के साथ जीवन जीने के अधिकार को सुनिश्चित करता है साथ ही प्रत्येक व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहूचनें का अधिकार देता है।

गरीबी रेखा के नीचे के लोगों का मुफ्त इलाज का अधिकार होना, मानसिक रूप से बीमार प्रत्येक व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार, लिंग, धर्म, संस्कृति, जाति, सामाजिक व राजनैतिक मान्यताओं या वर्ग भेद तथा विकलांगता के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नही किये जाने को यह अधिनियम सुनिश्चित करता है। उन्होने मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के उपचार एवं स्वास्थ्य सेवा के संबंध में गोपनियता बनाये रखने के अधिकार की भी जानकारी दी। इस अधिनियम के अनुसार मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की सहमती के बिना उससे संबंधित तस्वीर या अन्य कोई जानकारी सार्वजनिक नही की जा सकती है साथ ही उन्होने मानसिक रोगियों के प्रति संवेदनशील व्यवहार करने की अपील भी की।