धार्मिक आस्था और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के लिए अपमानजनक बातें करना घोर निंदनीय – यू.डी.मिंज

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संसदीय सचिव ने कहाछत्तीसगढ़ के शांत और सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में नफरत फैलाने वालों के लिए कोई जगह नहीं है, ऐसे प्रयासों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी सरकार

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जशपुरनगर

संसदीय सचिव यू.डी.मिंज ने बीते रविवार को जिला मुख्यालय जशपुर में आयोजित आदिवासी एकता परिषद के संयुक्त अधिवेशन में दिए गए आपत्तिजनक बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि जशपुर सहित पूरा छत्तीसगढ़, शांति और साम्प्रदायिक सौहार्द्र का प्रतीक है। यहां सभी धर्म, समाज और वर्ग के लोग आपस में मिल जुल कर रहते आए हैं। अपने विकास और अधिकार के लिए आवाज उठाना लोकतंत्र में सबका अधिकार है। लेकिन आवाज उठाते समय हम सबको अपने सामाजिक और सं वैधानिक उत्तरदायित्व का विशेष ध्यान रखना चाहिए, शब्दों को अमर्यादित नहीं होने देना चाहिए।

उन्होनें जारी किए गए एक बयान में कहा कि अधिवेशन के विडियो से जिस तरह की बातें निकल कर सामने आ रही है, वह बिल्कुल सही नहीं है। धार्मिक भावना को ठेस पहुंचा कर, यहां की शांति व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी प्रयास के खिलाफ छत्तीसगढ़ सरकार कड़ी कार्रवाई करेगी। इसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्पष्ट कर चुके हैं। जनभावना का देखते हुए, जशपुर पुलिस प्रशासन ने तत्काल एफआईआर दर्ज की है और इसमें आगे भी कार्रवाई होगी।

संसदीय सचिव यू.डी. मिंज ने कहा कि अधिवेशन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं.जवाहरलाल नेहरू, राष्ट्रपति आदरणीय श्रीमती द्रोपदी मुर्मू के बारे में जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया है, वह बिल्कुल अनुचित और अमर्यादित है। मैं इसकी कड़ी शब्दों में निंदा करता हूँ । हम सबको यह समझना होगा कि घृणा और नफरत का बीज बोकर, कुछ लोग आखिर क्या हासिल करना चाहते हैं। ऐसे लोगों के कुप्रयास को हम सबको मिल कर विफल करना होगा। उन्होनें जशपुर की जनता से अपील किया है शांति और सौहार्द्र बनाएं रखे।

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