बनारी, जांजगीर एवं पीथमपुर में मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का हुआ आगमन : छ.ग. राज्य महिला आयोग की सदस्य ने दीप प्रज्जवलित कर किया स्वागत

बनारी, जांजगीर एवं पीथमपुर में मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का हुआ आगमन : छ.ग. राज्य महिला आयोग की सदस्य ने दीप प्रज्जवलित कर किया स्वागत

September 12, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

जांजगीर परियोजना अंतर्गत ग्राम बनारी, जांजगीर एवं पीथमपुर मे मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ का आगमन हुआ। रथ का स्वागत छ.ग. राज्य महिला आयोग की सदस्य सुश्री शशीकांता राठौर द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। सुश्री राठौर द्वारा कार्यक्रम स्थल जांजगीर मे उपस्थित महिलाओं एवं किशोरी बालिकाओं को उद्बोधित करते हुए महिला आयोग एवं उनके कार्य प्रणाली तथा महिलाओं को उनके कानूनी अधिकार के संबंध मे विस्तृत जानकारी दी गयी। उन्होने छ.ग. राज्य महिला आयोग का गठन महिलाओं के संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा के उपाय, उपचारात्मक वैधानिक उपाय, सिफारिश करने, शिकायतों के निराकरण की सुविधा प्रदान करने और महिलाओं को प्रभावित करने वाले सभी सरकार को परामर्श देने तथा महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य की स्थिति पर गहन अध्ययन तथा महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों के उद्देश्य से 24 मार्च 2001 को किया गया।

आयोग के प्रमुख कार्य के बारे मे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए संविधान तथा अन्य विनियमों के अधीन प्रावधानित संरक्षणों से संबंधित मामलों का अन्लेषण एवं परीक्षण, महिलाओं के संरक्षण हेतु किये गये उपबंधों के उल्लंघन के मामलों को प्रधिकारियों ले जाना, महिलाओं के संरक्षणों के कार्यान्वयन पर सरकार को प्रतिवेदन देना, महिलाओं के आर्थिक, सामाजिक विकास, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य संबंधी पर गहन अध्ययन करना व योजना तैयार करने की प्रक्रिया मे भाग लेना, महिलाओं के ऐसे मुकदमों जो महिलाओं के बड़े समूह पर प्रभाव डालते है को धन देना, महिलाओं के कार्यस्थलों, बंदीगृहों, महिला सुधार गृहों व आश्रय गृहों का निरीक्षण पर स्थिति मे सुधार हेतु सिफारिश करना, महिलाओं के विरूद्ध अपराधों आदि की जानकारी संकलित करना आदि है।

छ.ग. राज्य महिला आयोग महिलाओं पर अत्याचार एवं अपराध, न्यूूनतम मजदूरी, प्राथमिक स्वास्थ्य, प्रसूति सुविधा से वंचन, परित्यक्ता एवं निराश्रित महिलाओं के पुनर्वास, महिला उत्पीड़न की घटनाओं के स्वतः संज्ञान, महिलाओं के संबंध मे राज्य सरकार के नीतिगत नियमों के पालन न करने आदि विषयों पर शिकायतें प्राप्त करती है व समय-समय पर संघोष्ठि, सेमीनार व शिविर के माध्यम से महिलाओं के उनके कानूनी अधिकार के बारे जानकारी दी गयी। छ.ग. राज्य महिला आयोग में अध्यक्ष, सदस्य एवं कर्मचारी लोक सेवक होते हैं। आयोग आवेदन/शिकायत स्वीकार कर पंजीकृत परिवाद की सुनवाई करता है। आयोग केवल उन्हीं घटना/परिवाद की सुनवाई करता है जिससे घटित हुए 01 वर्ष से अधिक समय न हुआ हो, न्यायालय मे विचाराधीन न हो तथा परिवाद स्पष्ट बिना नाम/छद्म नाम के न हो अथवा उनके कार्य क्षेत्र से बाहर का ना हो।

आयोग मे परिवादों पर कोई भी फीस प्रभार नही होता है। छ.ग. प्रदेश की कोई भी पीड़ित महिला अपनी शिकायत राज्य महिला आयोग के कार्यालय मे स्वयं उपस्थित होकर या अध्यक्ष/सदस्यों या आयोग मे सचिव से व्यक्तिगत संपर्क कर दे सकती है। पीड़ित महिला अपनी शिकायत डॉक द्वारा भी अथवा ऑन लाईन आयोग के वेबसाईट, ई-मेल, टोल फ्री नंबर या व्हॉट्स कॉल सेंटर पर भी दर्ज करा सकती है। कार्यक्रम के अवसर पर माननीय सदस्य सुश्री शशीकांता राठौर, परियोजना अधिकारी जांजगीर श्रीमती ज्योति तिवारी, सेक्टर पर्यवेक्षक कु. नवधा राठिया, आं.बा. कार्यकर्ता/सहायिका एवं बड़ी संख्या मे महिलायें उपस्थित थी।