तेलंगाना के विकाराबाद और रंगारेड्डी जिले से सकुशल छुड़ाकर लाए गए 24 श्रमिक : शिकायत पर कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही करते हुए श्रमिकों को छुड़ाने के लिए भेजा था दल

तेलंगाना के विकाराबाद और रंगारेड्डी जिले से सकुशल छुड़ाकर लाए गए 24 श्रमिक : शिकायत पर कलेक्टर ने त्वरित कार्यवाही करते हुए श्रमिकों को छुड़ाने के लिए भेजा था दल

September 17, 2022 Off By Samdarshi News

संसदीय सचिव को की गई थीश्रमिकों के पैसे, एटीएम, आधार कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों को मालिक द्वारा रख लिए जाने के साथ पारिश्रमिक भुगतान नहीं देने की शिकायत

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

बस्तर जिला प्रशासन द्वारा तेलंगाना में बंधक बनाए गए 24 श्रमिकों को सकुशल छुड़ाकर लाया गया। ये श्रमिक तेलंगाना के विकाराबाद और रंगारेड्डी जिले में हैदराबाद प्लाईवुड कंपनी में काम कर रहे थे।

श्रमिकों को छुड़ाने की यह कार्यवाही संसदीय सचिव श्री रेखचंद जैन को मिली शिकायत के बाद की गई। संसदीय सचिव श्री जैन को जगदलपुर के नेतानार ग्राम के संजय नाग ने सूचना दी कि हैदराबाद प्लाईवुड कंपनी में बस्तर के कुछ मजदूर काम कर रहे हैं, जिनका एटीएम, आधार कार्ड आदि मालिक द्वारा जमा कर लिया गया है, वहीं मजदूरी भी नहीं दी जा रही है। संसदीय सचिव ने इस मामले में की जानकारी कलेक्टर श्री चंदन कुमार को देते आवश्यक कार्यवाही के संबंध में कहा। इस पर कलेक्टर श्री कुमार ने राजस्व निरीक्षक श्री जगन्नाथ चालकी, श्रम निरीक्षक नमिता जॉन, पुलिस हवलदार धनसिंह बघेल और सिपाही जयंती कश्यप की अगुवाई में एक दल का गठन किया और उन श्रमिकों को छुड़ाने के लिए तेलंगाना भेजा।

इस दल के सदस्यों ने विकाराबाद के कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी विकाराबाद से सम्पर्क किया और हैदराबाद प्लाईवुड कंपनी मे कार्यरत बस्तर संभाग छत्तीसगढ़ के सभी 24 श्रमिको को 17 सितंबर को सकुशल जगदलपुर वापस लाने में सफल हुई। श्रमिकों को नियोजकों द्वारा उनकी बकाया मजदूरी 2 लाख 63 हजार 100 रुपए का भुगतान भी दल द्वारा कराया गया।

इनमें बस्तर और कोंडागांव के पांच-पांच दंतेवाड़ा और नारायणपुर के चार-चार श्रमिक, बीजापुर और काकेंर के तीन-तीन श्रमिक शामिल थे। छुड़ाए गए सभी श्रमिकों ने जगदलपुर पहुंचकर कलेक्टर श्री चंदन कुमार से भेंट की और सकुशल घर वापसी के लिए जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। श्रम पदाधिकारी श्री पंकज बिचपुरिया ने अन्य जिलों के श्रमिकों को उनके गृह ग्राम तक रवानगी के लिए संबंधित जिलों के श्रम विभाग को सौंपने की कार्यवाही की। इसके साथ ही श्रमिको को समझाइस दी गयी की भविष्य मे ग्राम सचिव को बिना किसी पूर्व सूचना के अन्य प्रान्तों अथवा जिले से बाहर न जाएं।