जशपुर कलेक्टर की अध्यक्षता में सभी पंचायतों में राष्ट्रीय पोषण माह के सफल क्रियान्वयन हेतु सरपंचों का प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्नए कुपोषण व एनिमिया की रोकथाम हेतु सभी सरपंचों को पंचायतों में विशेष प्रयास करने के दिए निर्देश

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तन स्वस्थ तो मन स्वस्थ, बच्चे सुपोषित होंगे तभी स्वस्थ रहेंगे- कलेक्टर श्री अग्रवाल

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता में विगत दिवस जिला पंचायत सभाकक्ष में राष्ट्रीय पोषण माह के सफल क्रियान्वयन के लिए ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु सभी सरपंचों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस अवसर पर जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग व परियोजना अधिकारी श्री अरूण कुमार पाण्डेय, पर्यवेक्षक एवं यूनिसेफ के सहयोग संस्थान मानव संसाधन विकास परिषद के टीम तथा ग्राम पंचायतों के सरपंच बहुत संख्या में उपस्थित थे।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन विगत 01 सितम्बर से 30 सितम्बर 2022 तक किया जा रहा है। इस वर्ष पोषण माह 2022 का मुख्य उद्देश्य पंचायतों को सक्रिय करना है। पोषण से संबंधित शिशु के सुनहरे 1000 दिवस पर यूनिसेफ के सहयोग संस्थान मानव संसाधन विकास परिषद द्वारा जिला प्रशासन व जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधन में सरपंचों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण में कलेक्टर श्री अग्रवाल ने कहा कि तन स्वस्थ तो मन स्वस्थ, बच्चे सुपोषित होंगे तभी स्वस्थ रहेंगे। जिससे उनका तन और मन दोनो स्वस्थ रहेगा। उनका शारिरिक विकास अच्छे से होगा। साथ ही उनका पढ़ाई में मन लगेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के पोषण स्तर का ध्यान रखना परिवार के साथ ही सबकी जिम्मेदारी है। इस हेतु बच्चों को प्रोटीन, विटामिन से युक्त संतुलित आहार प्रदान करना चाहिए। आंगनबाड़ियों में गर्म पका भोजन रेडी टू ईट का वितरण किया जाता है, बच्चों की शारीरिक माप, वजन लेकर उसके पोषण स्तर की जानकारी ली जाती है। इस हेतु बच्चों को नियमित रूप से आंगनबाड़ी भेजना आवश्यक है।

श्री अग्रवाल ने कहा कि बच्चों को कुपोषण मुक्त बनाना यह हम सबकी जिम्मेदारी है। सभी को कुपोषण और एनीमिया की रोकथाम हेतु विशेष ध्यान देना होगा। पंचायतो में कुपोषण और एनीमिया को खत्म करने में स्थानीय निकाय की सहभागिता आवश्यक है। बच्चों एवं एनिमिक महिलाओं में कुपोषण स्तर को दूर करने के लिए स्थानीय फल, सब्जी का सेवन करना चाहिए। मुनगा सब्जी व भाजी को आहार में प्राथमिकता से शामिल करना होगा साथ ही प्रचुर मात्रा में विटामीन सी वाले फल अमरूद, संतरा और पपीता का सेवन करना चाहिए। उन्होंने सभी सरपंच को अपने पंचायतो को कुपोषण मुक्त बनाने हेतु विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। साथ ही अपने पंचायत के आंगनबाड़ी में पोषण वाटिका का विकास कराने एवं बच्चों को कुपोषण चक्र से बाहर लाने हेतु उनके खान पान में ध्यान देने के लिए पालकों को प्रोत्साहित करने के लिए कहा। श्री अग्रवाल ने कहा कि अपने पंचायत को कुपोषण चक्र से मुक्त बनाने वाले, शत प्रतिशत आयुष्मान कार्ड, कोविड टीकाकरण पूर्ण करने, अधिक से अधिक लोगो को मनरेगा के तहत कार्य दिलाने, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता, पलायन रोकना एवं अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पंचायत को जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा। इस हेतु उन्होंने सभी सरपंचों को जिम्मेदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के निर्देश दिए। इस दौरान यूनिसेफ की प्रतिनिधि सुश्री नेहा सिंह द्वारा उपस्थित सभी सरपंचों को कुपोषण चक्र क्व सबंध में विस्तार से समझाया गया। साथ ही जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री पाण्डेय द्वारा कुपोषण के लक्षण, कुपोषण के कारण, कुपोषण के दूष्परिणाम तथा रोकथाम के उपाय पर जानकारी भी दी गई।

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