बस्तर की जनजातीय संस्कृति के रंग में रंगे दिखाई दिए मुख्यमंत्री, पिछड़ेपन को पछाड़ने की ललक पुस्तक का किया विमोचन

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

जगदलपुर, बस्तर अकादमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लिटरेचर (बादल एकेडमी) के लोकार्पण समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल पूरी तरह से बस्तर की जनजातीय संस्कृति में रंगे दिखाई दिए। उन्होंने इस दौरान तीर-धनुष पर अपने हाथ आजमाए, वही तुरही बजाकर और लोक नर्तकों के साथ मांदर की थाप पर नृत्य कर उनका उत्साहवर्धन भी किया। मुख्यमंत्री ने लोकार्पण समारोह में बस्तर अंचल की नवोदित प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बादल अकादमी के जरिए उन्हें अपनी कला को निखारने के लिए एक अच्छा मंच मिला है, इस मंच की मदद और मार्गदर्शन से वे आने वाले समय में आसमान की बुलंदियों को छुएं। विभिन्न जनजातीय समाज के पदाधिकारियों ने परम्परानुसार मुख्यमंत्री को पगड़ी, खुमरी पहनाकर, तीर-धनुष भेंट कर उनका स्वागत किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जगदलपुर में मुरिया दरबार के दौरान बस्तर में संचालित विकास कार्यों पर आधारित ‘पिछड़ेपन को पछाड़ने की ललक  bastar marching ahead पुस्तक का विमोचन किया। साहित्यकार रूद्र नारायण पाणिग्रही द्वारा संपादित इस पुस्तक में बस्तर संभाग के सभी जिलों में राज्य शासन द्वारा संचालित प्रमुख विकास योजनाओं और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की जानकारी दी गई है। इस किताब में शासन के सार्थक कदमों से समूचे बस्तर संभाग में आ रहे बदलाव के बारे में भी बताया गया है।

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