कदमटोली के तिहरे हत्याकांड पर सांसद गोमती साय ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना, कांग्रेस के जंगलराज में घर के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं जनता – सांसद गोमती साय

कदमटोली के तिहरे हत्याकांड पर सांसद गोमती साय ने साधा प्रदेश सरकार पर निशाना, कांग्रेस के जंगलराज में घर के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं जनता – सांसद गोमती साय

October 6, 2022 Off By Samdarshi News

शांति का टापू जशपुवह इन दिनों माब लिचिंग और तीहरे हत्याकांड जैसी घटनाओं के लिए सुर्खियां बटोर रहा है

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जशपुर/फरसाबहार

कांग्रेस के साढ़े तीन साल के कुशासन में जशपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ में जंगलराज कायम हो गया है। जनता न तो घर के अंदर सुरक्षित है और न ही बाहर। कानून व्यवस्था का खौफ अपराधियों के दिल दिमाग से पूरी तरह से खत्म हो चुका है। रायगढ़ लोकसभा की सांसद श्रीमती गोमती साय ने जशपुर के कदमटोली गांव में हुए तीहरे हत्याकांड की घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उक्त बातें कहीं हैं।

श्रीमती साय ने कहा कि जिस तरह से क्रूरतापूर्वक इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है। हत्यारों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दिलाया जाना चाहिए। अगर छत्तीसगढ़ सरकार इसमें विफल रहती है, तो भारतीय जनता पार्टी सड़क में उतर कर इसका विरोध करने के लिए तैयार है।

श्रीमती साय ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए आगे कहा कि जो जशपुर पूरे छत्तीसगढ़ में शांति का टापू कहलाता था। वह इन दिनों माब लिचिंग और तीहरे हत्याकांड जैसी घटनाओं के लिए सुर्खियां बटोर रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित छत्तीसगढ़ के जिम्मेदार मंत्रियों के पास जनता के लिए समय ही नहीं बचा है। वे सिर्फ अपनी पार्टी के आलाकमान को खुश करने में जुटे हुए है, ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में उनका टिकट सुरक्षित हो सके। उन्होनें कहा कि प्रदेश सरकार के पास लगभग 4 साल का कार्यकाल गुजरने के बाद भी उपलब्धि के नाम पर सिर्फ नरूवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी है।

जशपुर सहित पूरे प्रदेश से सड़क गायब हो चुकी है। सड़क विकास का आइना होता है। सड़कों की बदहाली देख कर छत्तीसगढ़ की बदहाली का अंदाजा लगाया जा सकता है। सड़कों की हालत को लेकर सरकार के रवैये से निराश हो कर लोग अब ईश्वर से प्रार्थना करने लगे हैं। उन्होनें मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आग्रह किया कि वे राजनीति से समय निकाल कर आम जनता के दु:ख दर्द को समझने का समय निकाले। कानून व्यवस्था की जमीनी स्तर की समीक्षा करें और इसे चुस्त दुरूस्त करने के लिए सख्त कदम उठाएं।