छत्तीसगढ़ की बदहाल हो रही कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा ने उठाए सवाल, कॉन्फ्रेंस से काम नहीं चलने वाला, मैदान में उतरें मुख्यमंत्री और गृहमंत्री – केदार गुप्ता

छत्तीसगढ़ की बदहाल हो रही कानून व्यवस्था को लेकर भाजपा ने उठाए सवाल, कॉन्फ्रेंस से काम नहीं चलने वाला, मैदान में उतरें मुख्यमंत्री और गृहमंत्री – केदार गुप्ता

October 8, 2022 Off By Samdarshi News

प्रदेश में बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाए सरकार और जनता को दे सुरक्षा

कांग्रेस सरकार प्रदेश में दम तोड़ रही कानून व्यवस्था का सच स्वीकार करें

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने मुख्यमंत्री की कलेक्टर-एसपी कॉन्फ्रेंस को व्यर्थ की कवायद करार देते हुए कहा है कि हालात इतने बद से बदतर हो चुके हैं कि ऐसी किसी कॉन्फ्रेंस से वह सुधरने वाले नहीं हैं। यह सरकार पूरी तरह विफल हो चुकी है। मुख्यमंत्री कलेक्टर-एसपी की महफिल सजाकर टाइम पास करने की बजाय अपने गृहमंत्री के साथ मैदान में उतरें। दम तोड़ रही कानून व्यवस्था का सच स्वीकार करें। यहां वहां की बात करने की जगह छत्तीसगढ़ की बदहाल स्थिति को दुरुस्त करने का मनोबल दिखाएं।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि हत्या की वारदातें ही नहीं सामूहिक हत्या की वारदातें आम बात हो गई हैं। मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के साथ ही दो अन्य कैबिनेट मंत्री के जिले में चार लोगों की सामूहिक हत्या के बाद जशपुर जिले में तिहरे हत्याकांड की घटना भूपेश बघेल के कानून के राज की हकीकत बयां कर रही है। कानून व्यवस्था लापता है और मुख्यमंत्री इसके लिए पुलिस और प्रशासन की पीठ ठोंक रहे हैं ! यह सरकार और इसकी कार्यप्रणाली छत्तीसगढ़ की जनता के लिए बेहद दु:खदायी हो गयी है।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि अनाचार और सामूहिक अनाचार की वारदातें तो इस सरकार में रोजमर्रा की बात है। तब तो युवा कांग्रेसी भी अपहरण कर दो दिन तक सामूहिक अनाचार कर रहे हैं और कांग्रेस अपने कार्यकर्ता पर कोई कार्यवाही तक नहीं किये है।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता केदार गुप्ता ने कहा कि गृहमंत्री और डीजीपी सट्टेबाजों की फेहरिस्त दिखाते हैं, तो सट्टेबाजी और बढ़ जाती है। ताश के पत्तों की तरह फेंटकर जिस तरह चार महीने में कलेक्टर एसपी के तबादले हो रहे हैं तो ऐसे में कोई काम क्या करेगा। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल अपने पराए का भेद किए बिना अधिकारियों को न्यायपूर्ण कार्रवाई का अधिकार दे तभी प्रदेश में स्थिति सुधर सकती है। परंतु यह सरकार निजी हित छोड़कर जनता के हित के अनुसार काम करेगी इसमें संदेह है।