समर्थन मूल्य में धान खरीदी की तैयारी के पिछले दावे साबित हुए खोखले – संदीप शर्मा

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समर्थन मूल्य में खरीद गए पूरे धान का भुगतान केंद्र सरकार करती है – भाजपा किसान मोर्चा

पंजीकृत रेगहा किसानों के धान का बकाया राशि में कटौती क्यों ?

एक समिति के अंतर्गत दो हल्का में भूमिधारी पंजीकृत किसानों के अंतर राशि क्यों रोकी गयी ?

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

धान खरीदी के पूर्व ये सरकार तरह तरह के दावे करती है, परंतु बाद में किसानों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। खरीदी की तारीख धीरे धीरे पास आते जा रही है, परंतु भुपेश सरकार की जमीनी तैयारी कहीं दिखाई नही पड़ रही है।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता ने उक्त आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार धान खरीदी के तैयारी पर बड़े बड़े डींगे मारती हैं, पर खरीदी के समय सब पोल खुल जाती है। जब कभी किसानों को बारदाना के लिए, तो कभी तौल में गड़बड़ी कर परेशान किया जाता है। टोकन देने के तरीके, रकबा कटौती से किसान लगातार परेशान रहे हैं। किसानों के पंजीयन को “कैरी फारवर्ड” करने से कई गड़बड़ी होती है, जिसमे सुधार नही होने से किसानों को  भारी नुकसान उठाना पड़ा है।

भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश प्रभारी एवं प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा

भुपेश सरकार के मंत्री अमरजीत भगत द्वारा 110 लाख टन धान खरीदी के बयान बाजी को आड़े हाथ लेते हुए किसान नेता संदीप शर्मा ने कहा कि धान की जितनी भी खरीदी हो रही है, उसका समर्थन मूल्य में पूरा भुगतान केंद्र की मोदी सरकार करती है, यहाँ तक कि बोरा, सुतली, तुलाई, स्टैकिंग, लोडिंग, शिफ्टिंग सब का पैसा केंद्र सरकार देती है, मंत्री जी को यह भी पता होना चाहिए कि पिछला जो रिकार्ड 98 लाख टन धान की खरीदी हुई है उसका वही पूरा समर्थन मूल्य का भुगतान केंद की सरकार ने किया है। इसलिए खाद्य मंत्री इस पर बयानबाजी कर बहादुरी न दिखाएं, बल्कि वे बताएं कि पंजीकृत रेगहा किसानों के पंजीकृत खाता में धान के बकाया राशि का भुगतान क्यों नही किया जा रहा है ? जिन किसानों के एक ही समिति अंतर्गत दो अलग-अलग पटवारी हल्का में जमीन है और जिसका पंजीयन है उन किसानों को अंतर राशि का भुगतान क्यों नही किया जा रहा है।

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