विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह के अंतर्गत आयोजित हुआ कार्यक्रम, बच्चों और किशोरों में मानसिक समस्याओं और उपचार संबंधी दी गई जानकारी

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मानसिक समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर 18005990019 तथा 104 पर करें संपर्क

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, अंबिकापुर

जनमानस को शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के समान ही मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जागरूक करने के लिए विश्व मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह मनाया जा रहा है। इस दौरान विविध कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में लावलीहुड ऑडिटोरियम अंबिकापुर में डीएमएचपी (जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम) की  टीम द्वारा 140 के करीब प्राथमिक एवं माध्यमिक शासकीय स्कूलों के अध्यापकों को बच्चों और किशोरों में 4 तरह की दिव्यांगता (मानसिक समस्याओं से संबंधित बीमारी) के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता के लिए पाम्पलेट भी वितरित किया गया। जिसमें मानसिक समस्याओं की पहचान कैसे करें, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं क्या हैं ? इस बारे में जानकारी दी गई थी। कार्यक्रम का प्रथम-सत्र विशेष प्रशिक्षण का रहा। इस अवसर पर क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ. सुमन कुमार ने बच्चों और किशोरों में 4 तरह की दिव्यांगता (आटिज्म, लर्निंग डिसेबिलिटी, इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी एवं मेन्टल इलनेस/मानसिक रोग) के बारे में विस्तार से बताया। इस मौके पर डॉ. कुमार ने इन रोगों की पहचान करने,  स्क्रीनिंग करने, मनोवैज्ञानिक टूल्स लगाए जाने, कारण एवं प्रबंधन करने के संबंध में बताया। साथ ही डॉ. कुमार ने  दिव्यांगता प्रमाण-पत्र बनाए जाने पर बहुत ही विस्तार पूर्वक जानकारी देकर अध्यापकों को प्रशिक्षित किया। इस दौरान डॉ. सुमन कुमार ने बताया: “शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी लोगों में जागरूकता की जरूरत है। व्यक्ति को किसी तरह की मानसिक दिक्कत होती है तो उसे नजर अंदाज करने की बजाए उन्हें उसके उपचार के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने अध्यापकों को आटिज्म एवं लर्निंग डिसेबिलिटी वाले बच्चों और किशोरों की पहचान कर उन बच्चों के माता-पिता को उन बच्चों की मानसिक अस्वस्थता के बारे में बताकर जल्द से जल्द उसका उपचार शुरू कराने की अपील की, ताकि जल्द ऐसे बच्चों का उपचार और मनोवैज्ञानिक थैरेपी शुरू होने से उन बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर काफी हद काबू पाया जा सकता है।“

वहीं कम्युनिटी नर्स मनोज कुमार द्वारा सभी को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए स्थापित स्पर्श क्लिनिक एवं वहां उपलब्ध इलाज की सुविधा के बारे में बताया गया। साथ ही मानसिक समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर 18005990019 तथा 104 नंबर पर संपर्क करने की जानकारी भी प्रदान की गई। कम्युनिटी नर्स मनोज कुमार ने कहा: “मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार एवं परामर्श सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क दिया जाता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य समस्या होने पर घबराएं नहीं, बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या मनोचिकित्सक से संपर्क कर इसका उपचार कराएं।“

कार्यक्रम में दूसरा सत्र  मनोवैज्ञानिक परीक्षण का रहा। इस दौरान सभी अध्यापकों एवं अध्यापिकाओं को अवसाद एवं तनाव के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देकर इनका परीक्षण करने की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान, लक्षण और उपचार संबंधी पाम्पलेट उपस्थित लोगों को बांटे गए। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से सीएमएचओ डॉ.पी.एस.सिसोदिया के आदेशानुसार एवं जिला नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. युगल किशोर किंडो, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ पुष्पेंद्र राम के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम में डॉ रितेश सिंह, एनसीडी एवं मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में पदस्थ अधिकारियों का विशेष सहयोग रहा।

इनका रहा विशेष सहयोग- कार्यक्रम में जिला मिशन समन्वयक, समग्र शिक्षा डॉ. संजय सिंह, ए.पी.सी., समग्र शिक्षा एवं बजट रविशंकर तिवारी, समग्र शिक्षा के ए.पी.सिंह एवं विशेष अध्यापक नरेंद्र पांडेय, विनोद कुमार, अखिलेश तिवारी, स्तुति केरकेट्टा, विशेष अध्यापिका संध्या तिवारी अन्य स्टाफ ने सहयोग दिया।

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