समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की सहूलियत के लिए एन्ड्रॉयड एप ‘‘टोकन तुंहर हाथ’’

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एप के जरिए पंजीकृत किसान धान विक्रय हेतु घर बैठे ऑनलाइन टोकन प्राप्त कर सकेंगे

किसानों को टोकन के लिए संबंधित समिति या उपार्जन केन्द्र में जाने की आवश्यकता नहीं होगी

किसान संबंधित समितियां उपार्जन केन्द्रों में आगामी 7 दिवस तक के टोकन प्राप्त कर सकेंगे

ऑनलाइन सुविधा के साथ समिति तथा उपार्जन केन्द्रों से पूर्व की भांति किसानों को ऑफलाइन टोकन भी जारी किए जाएंगे

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल पर अब समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को धान विक्रय के लिए घर बैठे ऑनलाइन टोकन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर पंजीकृत किसान को धान विक्रय हेतु टोकन जारी करने की प्रक्रिया के सरलीकरण एवं सुव्यवस्थित प्रबंधन के उद्देश्य से एन.आई.सी. द्वारा एन्ड्रॉयड एप ‘‘टोकन तुंहर हाथ’’ विकसित किया गया है।

‘‘टोकन तुंहर हाथ’’ एप की सहायता से प्रत्येक पंजीकृत किसान संबंधित उपार्जन केन्द्र में स्वयं के द्वारा निर्धारित तिथि में धान विक्रय हेतु टोकन प्राप्त कर सकेंगे। इस एप द्वारा किसान को समिति द्वारा दर्ज किसान की जानकारी पंजीकृत रकबा, बैंक खाता, टोकन एवं धान खरीदी आदि की सभी नवीनतम जानकारियां प्राप्त होंगी। इस एप के उपयोग से पंजीकृत किसानों द्वारा संबंधित समिति उपार्जन या उपार्जन केन्द्रों में आगामी 7 दिवस तक टोकन प्राप्त किया जा सकता है। एप के माध्यम से संबंधित समिति या उपार्जन केन्द्र में प्रत्येक दिन की खरीदी क्षमता के 30 प्रतिशत की सीमा तक ऑनलाइन टोकन प्राप्त किया जा सकेगा। उक्त सीमा में भी सीमांत, लघु व दीर्घ कृषकों को उनकी पंजीकृत संख्या के अनुपात में टोकन हेतु समान अवसर उपलब्ध होगा।

संबंधित समिति उपार्जन केन्द्र में शेष 70 प्रतिशत खरीदी क्षमता की मात्रा ऑफलाइन टोकन हेतु उपलब्ध रहेंगी। ताकि जो किसान एप के माध्यम से टोकन प्राप्त करने में असुविधा महसूस करते हैं। उन्हें पूर्व वर्षों की भांति समिति मॉड्यूल से टोकन प्राप्त हो सके।

एप के माध्यम से टोकन जारी करने की व्यवस्था पूर्व वर्षों में समिति माड्यूल से टोकन जारी करने की व्यवस्था करने की प्रक्रिया के अलावा अतिरिक्त रूप से की जा रही है। इस प्रकार कृषकों को ऑनलाइन एवं ऑफलाईन दोनों माध्यमों से टोकन प्राप्त हो सकेगा।

उक्त एप के उपयोग से निम्नलिखित लाभ संभावित हैं- समिति/उपार्जन केन्द्रों में टोकन प्राप्त करने हेतु किसानों की भीड़ में कमी आएगी।

किसानों को घर बैठे धान बेचने हेतु टोकन प्राप्त हो सकेगा, उन्हें समिति, उपार्जन केन्द्रों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी।

किसानों को अपनी पंजीयन संबंधित जानकारी जैसे व्यक्तिगत, भूमिगत/खाता/धान खरीदी एवं भुगतान की जानकारी भी सुगमता से प्राप्त हो सकेगी।

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