मोदी सरकार की मुनाफाखोरी और महंगाई दोनों बेलगाम – धनंजय सिंह ठाकुर

मोदी सरकार की मुनाफाखोरी और महंगाई दोनों बेलगाम – धनंजय सिंह ठाकुर

November 14, 2022 Off By Samdarshi News

आजादी के बाद से कांग्रेस ने मजबूत राष्ट्र बनाया भाजपा तंगहाल देश बनाने में जुटी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र में बैठी मुनाफाखोर मोदी सरकार की बदौलत देश में महंगाई और भी ज्यादा विस्फोटक होने लगी है। महंगाई में लगातार बढ़ोतरी के कारण आम आदमी अपनी रोजमर्रा के जरूरत की चीजों से दूर होते जा रहा ह। कि आम आदमी को अब खाने और पहनने  के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। हर जगह महंगाई से हाहाकार मचा हुआ है,मगर देश की गूंगी-बहरी सरकार को कुछ दिखाई नहीं दे रहा है। केवल आम जनता से लूटना और अपने उद्योगपति मित्रों की जेब भरना मोदी सरकार का मुख्य धंधा बना हुआ है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी निर्मित महंगाई देश के आम आदमी पर चौतरफा अत्याचार कर रही है। पिछले आठ सालों में केंद्र सरकार ने बार-बार पेट्रोल और डीजल पर करों में वृद्धि कर जनता से 26 लाख करोड़ रुपये वसूल लिए हैं। इसके बावजूद मोदी सरकार के वसूली का सिलसिला थम नहीं रहा है। मोदी सरकार के चालचलन से साफ समझ आता है कि देश की पूंजीवादी सरकार चंद औद्योगिक घरानों की चाकरी और चौकीदारी कर रही है। देश में गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी ने उत्पात मचा रखा है, मगर जनता की चुनी केंद्र सरकार उद्योगपतियों को राहत देने में लगी है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि देश में हर रोज गरीबों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, हर रोज किसी न किसी उपक्रम पर ताला लग रहा है, प्रतिवर्ष दो करोड़ रोजगार देने की बात करने वाली सरकार में हर रोज सैकड़ों लोग बेरोजगार हो रहे हैं। देश के आजाद होने के बाद नई योजनायें बनाया। सिंचाई सुविधायें बढ़ाकर नये कल कारखाने लगाकर शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधायें बढ़ाकर कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों ने भारत को मजबूत राष्ट्र के रूप में खड़ा किया। मोदी सरकार की नीतियों से देश का आम आदमी बदहाल और कर्जदार हो रहा है। भाजपा देश को आजादी के तुरंत बाद वाली उस स्थिति में लाना चाहती है, जब लोगों के पास खाने के लिए अनाज और पहनने के लिए कपड़ा नहीं था। जनता को दाने-दाने का मोहताज करने वाली मोदी सरकार को सत्ता में रहने का बिल्कुल भी नैतिक अधिकार नहीं है।