भूमिहीन श्रमिको की आर्थिक स्थिति में बढ़ोत्तरी हेतु मनरेगा के माध्यम से प्राथमिकता से प्रदान किया जा रहा रोजगार, जशपुर जिले के 1785 भूमिहीन श्रमिकों को रोजगार प्रदान कर कुल 39,028 मानव दिवस का किया गया है सृजन

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मनरेगा के माध्यम से नियमित रोजगार मिलने से भूमिहीन श्रमिकों को कार्य की तलाश में नही पड़ता भटकना

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुरनगर: भूमिहीन श्रमिक जिनके आजीविका का मुख्य साधन मजदूरी है, उन्हें लाभ पहुँचाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन सतत प्रयासरत है। प्रदेश सरकार द्वारा भूमिहीन श्रमिक परिवारों के हितों को ध्यान में रखते हुए उन्हें आर्थिक लाभ पहुँचाने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के तहत 7 हजार रुपए वार्षिक सहायता राशि प्रदान कर रही है। साथ ही जिला प्रशासन द्वारा ऐसे परिवारों को मनरेगा कार्याे के माध्यम से लाभांवित किया जा रहा है।

जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत भूमिहीन श्रमिको की आर्थिक स्थिति में बढ़ोत्तरी हेतु प्राथमिकता से रोजगार प्रदान किया जा रहा है। जिले के सभी पंचायतो में अधिक से अधिक संख्या में सामुदायिक एवं हितग्राही मूलक कार्य स्वीकृत कर उन्हें रोजगार से जोड़ा गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक डबरी, तालाब, कुआं निर्माण, डबरी गहरीकरण, नरवा विकास सहित अन्य कार्य के द्वारा अधिक से अधिक संख्या में भूमिहीन श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया जा रहा है। इसी कड़ी में फरसाबहार विकास खंड के ग्राम पंचायत साजबहार में मनरेगा के माध्यम से भूमिहीन श्रमिक ललित कुमार भीतरिया एवं  प्रेमशीला को नियमित रूप से कार्य उपलब्ध कराया गया है। भूमिहीन श्रमिक परिवारों को अपने गाँव में ही नियमित रूप से कार्य मिलने से उनके चेहरे में खुशी व्याप्त है। उनका कहना है कि अब उन्हें कार्य की तलाश में अन्यत्र जाना नही पड़ता। गाँव में ही मनरेगा के माध्यम से लगातार कार्य मिल रहा है साथ ही समय पर राशि का भुगतान भी हो जाता है। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में मजबूती आ रही है। इस हेतु भूमिहीन श्रमिकों ने प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया  है।

गौरतलब है कि जिले में वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 1785 भूमिहीन श्रमिकों को रोजगार प्रदान कर कुल 39,028 मानव दिवस सृजित किया गया है। जिसके अंतर्गत बगीचा विकासखण्ड 195 भूमिहीन श्रमिकों से 5967, दुलदुला में 102 श्रमिकों से 1823, जशपुर में 86 श्रमिकों से 2591, कांसाबेल में 212 श्रमिकों से 3566, कुनकुरी में 479 श्रमिकों से 5155, मनोरा में 91 श्रमिकों से 3642, पत्थलगांव में 373 श्रमिकों से 7980 एवं फरसाबहार में 247 भूमिहीन श्रमिकों को रोजगार प्रदान कर 8302 मानव दिवस सृजित किया गया है।

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