नाबालिग बालिका को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, आरोपी के कब्जे से अपहृत बालिका को किया गया बरामद, भेजा गया न्यायिक रिमांड में जेल.

नाबालिग बालिका को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार, आरोपी के कब्जे से अपहृत बालिका को किया गया बरामद, भेजा गया न्यायिक रिमांड में जेल.

December 3, 2022 Off By Samdarshi News

आरोपी की गिरफ्तारी हेतु किया गया था विशेष टीम का गठन, आरोपी को जिला देवास मध्य प्रदेश से किया गया गिरफ्तार.

आरोपी के विरुद्ध थाना चांपा में अपराध कमांक 277 / 22 धारा 363,366,376 भादवि 6 पाक्सो एक्ट पंजीबद्ध.

आरोपी – जितेन्द्र चौहान उम्र 20 वर्ष निवासी खरडीपुरा, पोस्ट पुंजेपुरा, थाना उदयनगर, जिला देवास (म.प्र.).

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

जांजगीर-चांपा : प्रकरण के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 24 जून 22 को प्रार्थी ने थाना चांपा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग पुत्री दिनांक 18 जून 22 के सुबह घर से बिना बताये कहीं चली गई है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर थाना चांपा में अपराध कमांक 277/22 धारा 363 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रकरण की गम्भीरता को ध्यान में रखते हुए अपहृत बालिका की पतासाजी की जा रही थी। विवेचना के दौरान अपहृत बालिका को जितेंद्र चौहान द्वारा भगाकर ले जाने की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल विशेष टीम बनाकर खरडीपुरा पोस्ट पुंजेपुरा थाना उदयनगर जिला देवास (म.प्र.) रवाना किया गया, जहाँ आरोपी के कब्जे से अपहृता को बरामद कर पीड़िता का महिला पुलिस अधिकारी से कथन कराने पर पीड़िता द्वारा अपने कथन में आरोपी जितेन्द्र चौहान द्वारा शादी का झांसा देकर भगाकर इंदौर ले गया, वहां मंदिर में शादी कर पति-पत्नी हो गये कहकर लगातार शारीरिक संबंध (दुष्कर्म) करना बताई है। जिस पर प्रकरण में धारा 366,376 भादवि  06 पॉक्सो एक्ट जोड़ी गई है।

प्रकरण के आरोपी आरोपी जितेन्द्र चौहान उम्र 20 वर्ष निवासी खरडीपुरा पोस्ट पुंजेपुरा थाना उदयनगर जिला देवास (म.प्र.) को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर जुर्म स्वीकार करने पर आरोपी को दिनांक 03 दिसंबर 22 को न्यायिक रिमांड में भेजा गया। आरोपी को गिरफ्तार करने में सहायक उपनिरीक्षक रामप्रसाद बघेल, महिला प्रधान आरक्षक स्वाति गिरोलकर एवं आरक्षक प्रकाश द्विवेदी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।