अबूझमाड़ में मसाहती सर्वे के किसानों ने पहली बार बेचा समर्थन मूल्य में धान : अब अबूझमाड़िया किसानों को मिलने लगा धान का उचित मूल्य

Advertisements
Advertisements

पहली बार धान का विक्रय करने आये किसानों के चेहरों पर दिखी खुशी, जताया मुख्यमंत्री का आभार

अबूझमाड़ के 2 हजार 193 किसान पहली बार बेच रहे समर्थन मूल्य में धान

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, नारायणपुर

छत्तीसगढ़ राज्य का अबूझमाड़ क्षेत्र घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है, जिस वजह से यहां कभी प्रशासन और पुलिस की टीम नहीं पहुंच सकी थी। माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार नारायणपुर जिला प्रशासन धीरे-धीरे इस क्षेत्र में पहुंच रही है, और किसानों को शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं-कार्यक्रमों से लाभान्वित कर रही है। पूरे प्रदेश सहित नारायणपुर जिले में 1 नवम्बर से धान की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी इस बार मैदानी क्षेत्रों के लिए सामान्य बात होगी, लेकिन अबूझमाड़ के किसानों के लिए यह एक उत्सव की तरह है। इस बार का धान खरीदी इन किसानों के लिए एक अलग उम्मीद की किरण लेकर आयी है। अबूझमाड़ के 2 हजार 193 किसान मसाहती खसरा मिलने के बाद इस बार पहली बार धान बेचेंगे। ऐसे किसानों से मसाहती सर्वे के आधार पर शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जा रही है।

बासिंग धान खरीदी केन्द्र में सबसे पहले धान विक्रय करने आये कुरूशनार के किसान महतूराम दुग्गा ने धान विक्रय करते हुए बताया कि जमीन का पट्टा मिलने से क्षेत्र के किसानों ने खुशी देखने को मिल रही है। मसाहती पट्टा बनने के बाद अब किसान अपने उगाए धान को केंद्रों में भी बेच सकेंगे। महतूराम ने बताया कि वह अपने खेत में उगाने वाले फसल को खाने के साथ सरकार को भी बेच रहे हैं। पूर्व में वे जो फसल उगाते थे, उसे ओने पौने दामों में छोटे बाजारों अथवा बिचौलियों को बेच देते थे। लेकिन अब शासन द्वारा लिये गये निर्णय अनुसार वे अपने धान को शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर धान खरीरी केन्द्रों में आकर विक्रय करेंगे, जिससे उन्हें उनकी फसल का सही दाम मिल पायेगा। श्री महतूराम दुग्गा ने बताया कि उसने अपने 3 एकड़ खेत में धान की फसल लगायी थी, जिससे लगभग 12 क्विंटल धान की उपज हुई है, जिसे वह आज खरीदी केन्द्र बासिंग में बेचने आया है।

श्री महतूराम ने बताया कि क्रेडा विभाग द्वारा उसके खेत में सौर ऊर्जा चलित बोर खनन किया गया है। वहीं कृशि एवं उद्यानिकी विभाग द्वारा उसे इस वर्श खाद एवं बीज भी प्रदान किया गया था। श्री महतूराम ने कहा कि अगर खेत में फेसिंग हो जाये तो, वह और अधिक बेहतर ढंग से खेती-किसानी का काम कर सकेगा। उसने बताया कि उसके दो लड़के व 2 लड़किया हे, जिसमें से एक की शादी हो गयी है, और दूसरी लड़की ने सिविल में इंजीनियरिंग पूरी कर ली है। बड़ा लड़का रानू दुग्गा उसकी खेती के कार्य में मदद करता है।

उल्लेखनीय है कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में नारायणपुर जिले के उपार्जन केन्द्रों एड़का, गढ़बेंगाल, छोटेडोंगर, झारा, कन्हारगांव, धौड़ाई, नारायणपुर, चांदागांव, बेनूर, कुकड़ाझोर, बाकुलवाही और बिंजली में बीते 4 दिसम्बर तक 36 हजार 330 क्विंटल धन की खरीदी की गयी है। ख़बर लिखे जाने तक सबसे अधिक धान उपार्जन केन्द्र बेनूर में 4 हजार 859 क्विंटल धान की ख़रीदी की गई। इसके साथ ही एड़का में 4 हजार 323 क्विटल, गढ़बेंगाल में 4 हजार 140 क्विंटल, छोटेडोंगर में 1 हजार 294 क्विंटल, झारा में 4 हजार 134 क्विंटल, कन्हारगांव में 200, धौड़ाई में 1 हजार 997, नारायणपुर में 4 हजार 509 क्विंटल, चांदागांव में 1 हजार 117 क्विंटल, कुकड़ाझोर 2 हजार 568, बाकुलवाही में 2 हजार 523 क्विंटल और बिंजली में 4 हजार 663 क्विंटल धान की खरीदी की गयी है, जिसके एवज में किसानों को अब तक 7 करोड़ 47 लाख 32 हजार 912 रूपये का भुगतान किया गया है। उल्लेखनीय है कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप समर्थन मूल्य पर जिले के किसानांे से धान खरीदी 1 नवम्बर से शुरू की गई है। इसके लिए जिले में 9 सोसायटियों के माध्यम से धान का उपार्जन किया जा रहा है। जिले के कुल 9 हजार 291 पंजीकृत किसानों से 31 जनवरी 2022 तक धान की खरीदी की जायेगी।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!