अखिल भारतीय कश्यप-कहार-निषाद-भोई समन्वय समिति के राष्ट्रीय अधिवेशन में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री, धार्मिक मान्यताओं, भारतीय इतिहास के साथ ही देश के विकास में जल पोषित समाज का महत्वपूर्ण स्थान है – डॉ. रमन सिंह

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समुद्री सीमा से जब भी विदेशी आक्रांताओं ने आक्रमण किया, तब उनके प्रहार से जूझते हुए सबसे पहला संघर्ष जलपोषित समाज ने किया है

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय आदिवासी, कश्यप, कहार, निषाद समन्वय समिति के वर्ष 2022 के द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन में सम्मिलित होकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ के पावन धरती पर समाज के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए कहा कि समाज का स्थान न केवल हमारे देश के प्राचीनतम इतिहास में समाहित है बल्कि पुरे सम्मान के साथ धार्मिक मान्यताओं में भी अंकित है, यह ऐसा समाज है जिन्होंने समाज और देश को जोड़ने का काम किया है। जलपोषित समाज के अन्दर इतनी ताकत है जिन प्रभु श्री राम के नाम से वैतरणी पार कर जाते है, ऐसे प्रभु रामचन्द्र जी और सीतामाई को भी नदी पार करनी थी, तब समाज का आशीर्वाद व सहयोग लेना पड़ा। यह अपने आप में अद्भुत बात है, पौराणिक काल से समाज की मान्यता, भूमिका, सम्मान रहा है। समुद्र के किनारे समुद्री सीमा से जब विदेशी आक्रांताओं ने आक्रमण किया, तब उनके प्रहार से जूझते हुए सबसे पहला संघर्ष जलपोषित समाज ने किया है।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी इंद्रु केवट जी को प्रणाम करते हुए कहा कि बिलासपुर के नाम की जननी बिलासा माता को प्रणाम किया। उन्होंने आगे कहा कि जब छत्तीसगढ़ में पहली बार भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी, तब हमारी सरकार ने जो पहली कुछ नीतियां बनाई उसमें मछुआरों के हित के लिए नीति शामिल थी। उन्होंने छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार रहते हुए बहुत सारी योजनाओं का निर्माण करने की बात कही और कहा कि छत्तीसगढ़ भौगोलिक स्तर से नदियों का प्रदेश कहा जाता है, जिसमें महानदी, अरपा, पैरी, शिवनाथ जैसी बहुत सी नदियां प्रवाहित है। उन्होंने बताया कि भाजपा काल में छत्तीसगढ़ सरकार ने 500 से ज्यादा अनिकट निर्मित किए जिससे पुरे माह छत्तीसगढ़ में पानी बहता रहा। पंचायतों को सशक्त कर मछुवा समाज को सुदृढ़ करने के लिए प्राथमिकता दी गई। समाज के लिए आर्थिक, नए तकनीक का निर्माण, मत्स्य पालन हेतु नए तालाब का निर्माण किया गया।

छत्तीसगढ़ में तालाबों की संख्या को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने मत्स्य संपदा योजना से पहले भी इस समाज के लिए कई विभिन्न कार्य किए है, जैसे मत्स्य पालन हेतु नए तालाब का निर्माण, नर्सरी, बीज पालन आदि की व्यवस्था गई। इसके अंतर्गत नवीन तालाब निर्माण के लिए 7 लाख प्रति हेक्टेयर की व्यवस्था, मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा देने मत्स्य पालक जलाशयों में 50% शासकीय व्यय पर मत्स्य अंगुलिका संचयन पर सहायता दी गई है। इसके उपरांत डॉक्टर रमन सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने मछुवार समाज कि चिंता करते हुए 20 हजार करोड़ की कार्य योजना बनाई। जिसका सीधा लाभ समाज को मिला है, इसके साथ ही उन्होंने जल पोषित समाज द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में अंकित आरक्षण के विषय पर कहा कि इसके लिए हम दिल्ली में वरिष्ठ पदाधिकारियों के बीच आप सभी की बात रखेंगे और पूरे प्रयास करेंगे।

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