छत्तीसगढ़ में बदहाल शिक्षा व्यवस्था को लेकर पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना : खतरे में छत्तीसगढ़ का भविष्य, कहीं शिक्षक नहीं तो कहीं मूलभूत सुविधाओं से वंचित छात्र – बृजमोहन अग्रवाल

December 14, 2022 Off By Samdarshi News

सत्ता के नशे में चूर छत्तीसगढ़ सरकार; राज्य के भविष्य संग कर रही खिलवाड़: बृजमोहन अग्रवाल

“बुनियादी शिक्षा, सुविधाएं उपलब्ध न करा पाने वाली सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं”

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

शिक्षा समाज का वह महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना सभ्य समाज की कल्पना भी नहीं की जा सकती। संपूर्ण भारत में अभी एक स्लोगन बहुत प्रसिद्ध हुआ है, “पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया।” छत्तीसगढ़ प्रदेश के शिक्षा विभाग पर यह स्लोगन लागू ही नहीं होता। जब हम सरकारी स्कूलों पर नज़र डालेंगे तब छात्रों के भविष्य को लेकर हमारे माथे पर चिंता ज़रूर दिखेगी। इससे हम समझ पाएंगे कि किस प्रकार से यहां का शिक्षा विभाग ऑक्सीजन की बाट जोह रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार के शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था पर उन्हें घेरते हुए पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि, हाल ही के मामलों में डौंडीलोहारा ब्लॉक के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अरजपुरी में शिक्षकों की कमी को लेकर नाराज विद्यार्थियों ने ताला जड़ दिया और सड़क जाम कर दी। भिलाई कैम्प-2 विवेकानंद नगर की भवनविहिन शासकीय प्राथमिक शाला की कक्षाएं एक कमरे के सामुदायिक भवन में लग रही है। कक्षा पहली से लेकर 5वीं तक के बच्चों को एक-एक पंक्ति में बैठाया गया है। यहां बच्चे और शिक्षक दोनों ही परेशान हैं, तो वहीं सुकमा जिले के ग्राम गुफड़ी के पटेलपारा स्कूल में पिछले 3 माह से स्कूल में कोई शिक्षक नहीं है, जिसके कारण वहां पदस्थ सफाईकर्मी स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहा है। पदोन्नति के बाद यहां पदस्थ शिक्षक की पदस्थापना सुकमा बालक पोस्ट मैट्रिक छात्रावास में हो गई है इस कारण स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है। ऐसे न जाने कितने मामले छत्तीसगढ़ की शिक्षा व्यवस्था को पानी में डुबो रहे है। पर सरकार सत्ता के नशे में चूर होकर केवल छत्तीसगढ़ के भविष्य संग खिलवाड़ कर रही है।

पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि, प्रदेश के कई जिलों में शिक्षा का स्तर और सुविधाएं देश के सभी राज्यों के स्कूलों की तुलना में कम हैं। शिक्षा विभाग का 16,522 करोड़ का भारी भरकम बजट, फिर भी सरकारी स्कूलों का हाल-बेहाल होना; सरकार के भ्रष्टाचार को साफ तौर पर जाहिर कर रहा है। इतना ही नही यहाँ के सरकारी स्कूलों में तो परोसा जाने वाले मध्यान्ह भोजन की पौष्टिकता भी इस सरकार ने गटक ली है। हर दिन नई घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकारी स्कूलों में पेयजल आपूर्ति तक कि समस्या का निदान नहीं दे पा रहे हैं और सोशल मीडिया पर शिक्षा की क्रांति का पाठ पढ़ा रहे हैं। अरे मुख्यमंत्री जी अखबारों के पन्ने पलट कर देखो ये क्रांति शिक्षा स्तर किस ओर ले जा रही है। भूपेश की सरकार ने जितने भी दावे और वादे किए हैं, सब खोखले निकले हैं। ये सिर्फ जनता को ठगने और बेवकूफ बनाने का काम करते हैं। इन्हें सत्ता में बैठे रहने का कोई अधिकार नहीं।