नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को मिली सफलता : आरोपियों द्वारा 05 व्यक्तियों से अलग-अलग विभाग में नौकरी लगाने के नाम से की गई थी धोखाधड़ी.
December 15, 2022आरोपियों द्वारा वर्ष 2022 में प्रार्थियों से सरकारी नौकरी लगाने के एवज में कुल 9,50,000/- रूपये की धोखाधड़ी की गई थी।
आरोपियों को विशेष टीम और थाना पामगढ़ पुलिस द्वारा किया गया गिरफ्तार.
आरोपी शैलेंद्र मांडले एवं खिलेंद्र जयसवाल दोनों निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी जांजगीर को दिनाँक 14 दिसंबर 22 को भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में.
आरोपियों शैलेंद्र मांडले एवं खिलेंद्र जयसवाल के विरूद्ध थाना पामगढ़ में अपराध क्रमांक 485/22 धारा 420,34 भादवि पंजीबद्ध.
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जांजगीर-चांपा
जांजगीर-चांपा : प्रकरण के संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थी रामगोपाल दिनकर उम्र 27 वर्ष निवासी मेऊ थाना पामगढ़ द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराया गया था कि मार्च 2022 में आरोपी शैलेंद्र मांडले उम्र 34 वर्ष और खिलेंद्र जयसवाल उम्र 34 वर्ष दोनों निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी जांजगीर द्वारा प्रार्थी से स्वास्थ विभाग वार्ड ब्वाय में नौकरी लगाने के नाम से 3 लाख रुपये, नरेश टण्डन उम्र 37 वर्ष निवासी मेउ से शिक्षक के पद पर नौकरी लगाने के नाम से 1,50,000/-रुपये, तेरस राम कुर्रे उम्र 66 वर्ष निवासी मेऊ से वार्ड ब्वाय की नौकरी लगाने के नाम से 1,50,000/-रुपये, रामगोपाल उम्र 27 वर्ष निवासी बुंदेला से फूड विभाग में नौकरी लगाने के नाम से 1,50,000/-रुपये एवं धरमलाल अनन्त से वार्ड ब्वाय में नौकरी लगाने के नाम से 2 लाख रुपये इस प्रकार आरोपियों द्वारा नौकरी लगाने के नाम से कुल 9,50,000/-रूपये की धोखाधड़ी किया गया है। प्रार्थियों द्वारा उक्त राशि को रोजी मजदूरी कर एकत्र कर आरोपियों को देना बताया गया है।
प्रार्थियों द्वारा दोनो आरोपियों से लगातार अपना पैसा मांगा जा रहा था, लेकिन उनके द्वारा टाल मटोल किया जा रहा था। आरोपियों के विरूद्ध थाना पामगढ़ में अपराध क्रमांक 485/22 धारा 420,34 भादवि पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। प्रकरण की गंभीरता को ध्यान में रखते हुये आरोपी शैलेंद्र मांडले उम्र 34 वर्ष और खिलेंद्र जयसवाल उम्र 34 वर्ष निवासी हाउसिंग बोर्ड कालोनी जांजगीर को साइबर सेल से प्राप्त तकनीकी जानकारी के आधार पर दिनाँक 14 दिसंबर 22 को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया, जहाँ से आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल किया गया। इस प्रकरण की कार्यवाही में उपनिरीक्षक सनत मांत्रे, सहायक उपनिरीक्षक सुनील टैगोर, प्रधान आरक्षक सुधीर साहू, आरक्षक उमेश दिवाकर, टिकेश्वर राठौर तथा सायबर सेल से सहायक उपनिरीक्षक मुकेश पाण्डेय, प्रधान आरक्षक बलबीर सिंह, प्रधान आरक्षक जितेंद्र परिहार, प्रधान आरक्षक मो. तौफिक एवं आरक्षक विवेक सिंह का सराहनीय योगदान रहा।