जशपुर: रेशम कृमिपालन के माध्यम से किसानों को रोजगार से जोड़कर उपलब्ध कराया जा रहा अतिरिक्त आय

जशपुर: रेशम कृमिपालन के माध्यम से किसानों को रोजगार से जोड़कर उपलब्ध कराया जा रहा अतिरिक्त आय

December 21, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुरनगर : शासन की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से दूरस्थ वनांचलों में निवास करने वालों को ग्रामीणों को उनकी सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के उद्देश्य से आजीविका गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है।

इसी कड़ी में  जशपुर जिले में केन्द्रीय रेशम बोर्ड की सिल्क समग्र 02 योजना के शहतुत रेशम बाड़ी के तहत शहतुत पौधों का रोपण एवं शहतुत के पौधे में रेशम कृमिपालन कर किसानों को रोजगार के साथ ही अतिरिक्त आय उपलब्ध कराने का कार्य किया जा रहा है। सहायक संचालक रेशम विभाग प्राप्त जानकारी के अनुसार उपरोक्त योजना हेतु जिले में 52 कृषकों का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि इस योजना में  प्रति कृषक 1 एकड़ में शहतुत पौधरोपण किया जाना है। साथ ही योजना के तहत प्रति एकड़ 5 लाख की स्वीकृति निर्धारित  है।  जिसमें 80 प्रतिशत केन्द्रीय रेशम बोर्ड एंव 10 प्रतिशत राज्य शासन एवं 10 प्रतिशत सम्बंधित हितग्राही के द्वारा दिया जाना है।

ग्रामोद्योग रेशम विभाग के द्वारा केन्द्रांश की  24.96 लाख राशि  प्राप्त हो चुका है साथ ही जिला प्रशासन के द्वारा भी 14.20 लाख की राशि प्रदान की गई है। जिससे  चयनित किसानों के यहां नर्सरी कार्य प्रारंभ किया गया है।

शहतुत रेशम बाड़ी योजना के तहत वर्ष में 4 से 5 फसल ली जा सकती है। मलबरी कीट  25 से 30 दिवस के भीतर ही अपना जीवन चक्र पूर्ण कर लेता है। पूर्ण विकसित मलबरी बगान से कीट पालन के द्वारा प्रति एकड़ 250-300 किलोग्राम का उत्पादन होगा। जिसमें औसतन मूल्य  बायोवोल्टाईन 200 प्रति किलो एवं मल्टीवोल्टाईन 175 रुपए प्रति किलो की दर पर होती है। जिससे कृषकों को लगभग 80 हजार से 1 लाख तक की वार्षिक आय प्राप्त  होगी। शहतुत रेशम बाडी योजना के तहत कृषक विभाग की अनुमति से दलहन एवं हरी सब्जियों की अन्तरफसल भी ले सकते है। जिससे किसान कक  अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। विभाग द्वारा योजना से जुड़े कृषकों को निःशुल्कतकनीकि  प्रशिक्षण एवं समय समय पर मार्गदर्शन  दिया जाता है।  जिससे कृषक अच्छी तरह से कीट पालन कर  रहे है।