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November 1, 2021 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो.

किसान अब 10 नवम्बर तक करा सकेंगे खरीफ फसलों का पंजीयन, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा

रायपुर, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने तथा खरीफ फसलों की खेती के लिए योजना के तहत आदान सहायता राशि का लाभ लेने के लिए राज्य के किसान भाई एकीकृत किसान पोर्टल में अब 10 नवम्बर 2021 तक पंजीयन करा सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मंत्रीगणों, जनप्रतिनिधियों एवं किसान संगठनों की मांग के मद्देनजर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2021 से बढ़ाकर अब 10 नवम्बर 2021 तक किए जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में किसान पोर्टल में 10 नवम्बर तक पंजीयन जारी रहेगा।

पूर्व में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित केबिनेट की बैठक में खरीफ सीजन की सभी फसलों एवं उद्यानिकी फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया था। केबिनेट के इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए किसानों की सहूलियत के लिए पंजीयन की अवधि में एक माह की बढ़ोत्तरी करते हुए 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य के किसान की सहूलियत और पंजीयन की प्रक्रिया को आसान करने के उद्देश्य से शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल http://kisan.cg.nic.in बनाया गया है। एकीकृत किसान पोर्टल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना तथा उद्यानिकी फसलों के उत्पादक किसानों को लाभ लेने के लिए एक बार पंजीयन कराना होगा।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्यानिकी फसल उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। खरीफ वर्ष 2020-21 में जिस रकबे में किसान द्वारा धान की खेती एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह किसान धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, अन्य अनाज, दलहन, तिलहन, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की अनुदान सहायता दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को आदान सहायता राशि आगामी तीन वर्षों तक देय होगी।

राज्य के 2029 गौठान हुए स्वावलंबी, रायगढ़ जिले में स्वावलंबी बने सर्वाधिक 249 गौठान

रायपुर, छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में से महत्वपूर्ण सुराजी गांव योजना के गरूवा घटक के तहत अब तक राज्य में निर्मित एवं सक्रिय रूप से संचालित 7714 गौठानों में से 2029 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। स्वावलंबी गौठान गोबर खरीदी से लेकर वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए स्वयं के पास उपलब्ध राशि का उपयोग करने लगे हैं। रायगढ़ जिले में सर्वाधिक 249 गौठान स्वावलंबी हुए है। दूसरे क्रम पर कबीरधाम जिला, जहां 141 गौठान तथा तीसरे क्रम पर महासमुन्द जिला है, जहां 131 गौठान स्वावलंबी हुए हैं।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार गरियाबंद जिले में 25, धमतरी में 66, बलौबाजार में 84 तथा रायपुर जिले में 75 कबीरधाम जिले में 141, दुर्ग में 86, बालोद में 67, बेमेतरा में 58, राजनांदगांव जिले में 101, कोरबा में 103, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 25, जांजगीर-चांपा में 90, बिलासपुर में 76, मुंगेली में 60, रायगढ़ में 249, कोरिया में 73, जशपुर में 70, बलरामपुर में 55, सरगुजा में 65, सूरजपुर में 53, कांकेर में 105, कोण्डगांव में 21, दंतेवाड़ा में 35, नारायणपुर में 6, बस्तर में 35, बीजापुर में 22 तथा सुकमा जिले में 52 गौठान स्वावलंबी बन चुके हैं।

गौरतलब है कि राज्य में पशुधन के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा अब तक 10538 गांवों में गौठान के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी है। जिसमें से 7714 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है और वहां पर गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण सहित अन्य आयमूलक गतिविधियां संचालित हो रही है। वर्तमान में 2443 गौठानांे का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है शेष 381 गौठानांे के निर्माण का कार्य अभी शुरू कराया जाना है। गौठानों में पशुधन के देखरेख, चारे-पानी एवं उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप गौठानों में पशुओं के लिए हरे चारे का इंतजाम भी किया जा रहा है। अब तक 5302  गौठानों में लगभग 14,466 एकड़ में हरा चारा लगाया गया है, जिसमें हाईब्रिड नेपियर घास का रोपण एवं अन्य चारा बुआई की गई है।

राज्य में रबी फसलों की बुआई शुरू, एक लाख 36 हजार 440 हेक्टेयर में हो चुकी रबी फसलों की बुआई, सवा 18 लाख हेक्टेयर में बोनी का लक्ष्य

रायपुर, राज्य में रबी फसलों की बोनी का सिलसिला तेजी से शुरू हो गया है। अब तक एक लाख 36 हजार 440 हेक्टेयर रकबे में विभिन्न प्रकार की रबी फसलों की बोनी हो चुकी है। इस साल राज्य में 18 लाख 25 हजार हेक्टेयर में रबी फसलों की बोनी का लक्ष्य है, जो गत वर्ष राज्य में 17 लाख 48 हजार 680 हेक्टेयर में हुई रबी फसलों की खेती की तुलना में 76 हजार 320 हेक्टेयर अधिक है।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल रबी सीजन में अब तक गेंहू, धान, मक्का, जौ, ज्वार एवं अन्य अनाज फसलों की बोनी 1600 हेक्टेयर मे, दलहन फसलों की बोनी 95 हजार 900 हेक्टेयर में, तिलहन फसलों की बोनी 20 हजार 840, गन्ना की बोनी 4 हजार 280, साग-सब्जी एवं अन्य फसलों की बोनी 13 हजार 630 हेक्टेयर में हो चुकी है।