आरक्षण पर भाजपा का धरना बेशर्म नौटंकी, राजभवन को हस्ताक्षर नही करने दे रहे, सड़क पर धरना दे रहे भाजपाई – मोहन मरकाम

आरक्षण पर भाजपा का धरना बेशर्म नौटंकी, राजभवन को हस्ताक्षर नही करने दे रहे, सड़क पर धरना दे रहे भाजपाई – मोहन मरकाम

January 4, 2023 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

आरक्षण को लेकर भारतीय जनता पार्टी का धरना दिया जाना भाजपा की बेशर्म नौटंकी है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि सारा प्रदेश जानता है कि आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन में भारतीय जनता पार्टी के इशारों पर रूका हुआ है। भारतीय जनता पार्टी के निजी राजनैतिक स्वार्थ के कारण आरक्षण संशोधन विधेयक राजभवन में रूका हुआ है। उसके बाद भारतीय जनता पार्टी आरक्षण को लेकर धरना दे रही है तो यह भारतीय जनता पार्टी की बेशर्मी है भाजपा में जरा भी नैतिकता बची है तो राजभवन से आरक्षण विधेयक पर तत्काल हस्ताक्षर करने का आग्रह करे। सरकार ने विधानसभा से सर्वसम्मति से विधेयक पारित करवा कर सर्व समाज के हित में राजभवन भेजा है। इसको राजभवन में क्यो रोका गया है? एक महीने से अधिक हो गये है विधेयक को  इसमे छत्तीसगढ़ के हर समाज का अहित हो रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रदेश सरकार ने अपनी मंशा स्पष्ट कर दी है कांग्रेस ने नीति साफ कर दी है। सरकार सभी समाज को आरक्षण देना चाहती है भारतीय जनता पार्टी आरक्षण पर दोहरा चरित्र अपना रही है। उनकी नीयत आरक्षण विधेयक पर अडंगा लगाने की है वह नहीं चाहती राजभवन इस विधेयक पर हस्ताक्षर को एक तरफ राजभवन में बिल रोकवा कर रखे है दूसरी तरफ धरना दे रहे है जनता भाजपा के असली चरित्र को देख रही है। भाजपा को आने वाले चुनाव में जनता सबक सिखायेगी।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि भाजपा आरक्षण विधेयक पर अपना मत स्पष्ट करें वह आरक्षण संशोधन विधेयक के किस पहलू से असहमत और क्यों राजभवन में आरक्षण संशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर नहीं होने दे रही है? भाजपा को आदिवासी समाज को दिये गये 32 प्रतिशत आरक्षण पर आपत्ति है अथवा वह अन्य पिछड़ा वर्ग के लिये किये गये 27 प्रतिशत आरक्षण से असहमत है? भाजपा को इस बात का विरोध है कि नये आरक्षण विधेयक में अनुसूचित जाति के लिये किये गये 13 प्रतिशत आरक्षण के लिये विरोध कर रही है? या गरीब सवर्णों के 4 प्रतिशत आरक्षण के विरोध में भाजपा है। भाजपा की नीयत आरक्षण पर शुरु से संदिग्ध है।