गोधन न्याय योजना से जुड़कर हितग्राहियों के परिवार में आ रही खुशहाली, गोबर बेचकर पामगढ़ निवासी गजानंद ने खरीदी मोटर बाइक, पशुपालन के क्षेत्र से जुड़कर मिल रही बेहतर आमदनी

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

गोधन न्याय योजना से जुड़कर और गोठान में गोबर बेचकर पशुपालकों की खुशियां लगातार बढ़ रही हैं, ऐसे ही एक शख्स पामगढ़ विकासखण्ड के कोसीर ग्राम पंचायत के गजानंद हैं, जिन्होंने 1 लाख 10 हजार रूपए का गोबर बेचकर मोटर साइकिल खरीदी और आर्थिक रूप से मजबूत बनकर अपने परिवार के साथ बेहतर जिंदगी बसर कर रहे हैं।

जिले में कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के निर्देशन एवं जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. ज्योति पटेल के मार्गदर्शन में गोधन न्याय योजना का सुचारू रूप से संचालन किया जा रहा है। गोठान से जुड़कर ग्रामीणों, पशुपालकों, महिला स्व सहायता समूहों को सतत रूप से आमदनी प्राप्त हो रही है। गोठान में गोबर बेचकर ग्रामीण, पशुपालक समृद्धशाली हो रहे हैं। ऐसे ही एक पशुपालक श्री गजानंद मधुकर हैं, जो जिले के पामगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कोसीर में रहते है। पशुपालक श्री गजानंद बताते हैं कि गायों का दूध तो आसानी से बिक जाता है, लेकिन गांव में गोबर कोई नहीं खरीदता था, प्रतिदिन ज्यादा मात्रा में गोबर भी एकत्रित हो जाता था। ऐसे में राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना गोधन न्याय योजना में गोबर की खरीदी शुरू हुई तो चेहरे पर चमक आ गई, क्योंकि उसकी कीमत 2 रूपए किलो मिलेगी ऐसा कभी नहीं सोचा था। ऐसे में तत्काल योजना में पंजीयन कराया और गोठान में गोबर बेचना शुरू कर दिया। अब तक 1 लाख 10 हजार रूपए का गोबर बेचकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर मोटर साइकिल खरीदी और परिवार का अच्छे से पालन पोषण कर रहे हैं।

इसके साथ ही श्री गजानंद द्वारा पशुपालन विभाग के डॉ जैनेन्द सूर्यवंशी के सहयोग से डेयरी व्यवसाय के लिए प्रोजेक्ट तैयार किया गया और उन्हें वर्ष 2018 में 12 लाख रूपए लोन की मंजूरी मिली। जिस पर पशुधन विकास विभाग जांजगीर द्वारा 66.6 प्रतिशत का अनुदान दिया गया, फिर क्या था, गजानंद के पंखों को जैसे खुला आसमान मिल गया, भरपूर उड़ान भरने के लिए। उन्होंने इस राशि से 15 गाय खरीदकर अपना व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे तरक्की के रास्ते खुलते गये। प्रतिदिन 120 से 130 लीटर दूध बेचते हैं। इस प्रकार प्रतिमाह 90 हजार रूपए का दूध बेचकर और दाना, पैरा, कटिया और मजदूरी भुगतान करने के बाद 25 से 30 हजार रूपए का मुनाफा कमा लेते हैं। पामगढ़ के विकासखंड पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ सूर्यवंशी ने बताया कि गजानंद बहुत ही मेहनती पशुपालक हैं। उन्हें पशुपालन विभाग से लोन पर अनुदान एवं गोधन न्याय योजना से गोबर बेचकर लाभ मिल रहा है। उनके पशुओं का सतत रूप से टीकाकरण किया जा रहा है। पशुपालन क्षेत्र में अग्रसर है और दूसरे पशुपालक भी उनसे प्रेरित हो रहे है। गाय पालन के साथ ही उनके द्वारा इस वर्ष सब्जी-भाजी, गोभी, टमाटर, पत्तागोभी, करेला, बैंगन, मिर्ची आदि का बाड़ी भी लगाया गया हैं।

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