कलेक्टर ने जिले के प्राचार्यो की ली समीक्षा बैठक: अर्द्धवार्षिक परीक्षा में खराब रिजल्ट आने वाले स्कूलों के प्राचार्यो को बदलने और वेतन रोकने के दिए निर्देश: आस्ता, खरसोता, अलोरी, कोरना के प्राचार्यो को बदला जाएगा

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बरगांव के प्राचार्य श्रीमती निर्मला ने कमजोर बच्चों का प्रोफाईल बनाकर कमियॉ दूर करके स्कूल का परीक्षा परिणाम बेहतर ला रही है 

परीक्षा परिणाम बेहतर लाने वाले स्कूल के प्राचार्यो को किया जाएगा सम्मानित

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने आज कलेक्टोरेट के मंत्रणा कक्ष में जिले के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी विद्यालय के प्राचार्यों की समीक्षा बैठक ली और परीक्षा परिणाम में सुधार लाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी बच्चों में लिखने की क्षमता विकसित, साप्ताहिक टेस्ट, पालकों से हस्ताक्षर, बच्चों की 100 प्रतिशत् उपस्थिति कराने के लिए कहा। सभी बी.ई.ओ. को विद्यालय अवलोकन करके विषयवार परिणाम की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री जितेन्द्र यादव, जिला शिक्षा अधिकारी, सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सहित विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

कलेक्टर ने बैठक में तीमाही और मूल्यांकन परीक्षा के परिणामों की समीक्षा करते हुए प्राप्त रिजल्ट का आकलन किया और उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय आस्ता, खरसोता, अलोरी, कोरना में खराब रिजल्ट पर नाराजगी जाहिर करते हुए खरसोता के प्राचार्य श्रीमती जगमईत भगत, आस्ता के प्राचार्य श्री जगतपाल राम, अलोरी के प्राचार्य श्री अन्नत साय पैंकरा और कोरना के प्राचार्य रामवृक्ष नाग का प्रभार बदलने और वेतन रोकने का निर्देश दिए हैं साथ ही दुलदुला बी.ई.ओ. श्री मार्टिन खलखो का डी.डी.ओ. पावर रोकने का निर्देश दिए हैं। लंबी अवधि से विद्यालय में अनुपस्थित शिक्षकों के विरूद्ध कार्यवाही करने के लिए कहा है।

कलेक्टर ने समीक्षा के दौरान अर्द्धवार्षिक परीक्षा परिणाम की भी जानकारी ली और कमजोर परिणाम आने वाले स्कूल के प्राचार्य से जवाब तलब किया। प्राचार्यो द्वारा इस संबंध में संतोषजनक जवाब नहीं देने के कारण गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए बीईओ को प्राचार्यो के प्रभार बदलने और कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। समीक्षा के दौरान उन्होंने जशपुर विकासखण्ड के बरगांव स्कूल की प्राचार्य निर्मला तिर्की के कार्यो की सराहाना की और उनके अच्छे कार्यो के लिए बधाई भी दी। ज्ञात हो की निर्मला तिर्की अपने स्कूल में एक-एक कमजोर बच्चों का प्रोफाईल तैयार की है और कमजोर बच्चों में क्या कमी है उन कमियों को जान करके उसका निराकरण करती है। साथ ही कमजोर बच्चों को उनके विषय अनुसार कमी दूर करके बच्चे के परीक्षा परिणाम बेहतर लाने का सार्थक प्रयास करती है। जिसके कारण बच्चे का रिजल्ट बेहतर हो जाता है। कलेक्टर ने अन्य प्राचार्यो को भी निर्मला जैसे प्रयास करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि अच्छे शिक्षकों को प्रोत्साहित किया जाएगा साथ ही सम्मानित किया जाएगा। शाला त्यागी बच्चों को भी स्कूल में प्रवेश दिलाने का बेहतर कार्य करने वाले प्राचार्यो को भी सम्मानित करने के निर्देश दिए हैं।      

कलेक्टर ने बैठक में तीमाही और मूल्यांकन परीक्षा के परिणामों की समीक्षा करते हुए प्राप्त रिजल्ट का आकलन किया और प्राचार्यो को रिजल्ट में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सभी प्राचार्यो को जानकारी देते हुए बताया कि जिले के कटे-फटे होट वाले और दिल की बिमारी से ग्रसित 65 बच्चों का चिरायु टीम द्वारा चिन्हांकन किया गया है और उनका बेहतर ईलाज करने के लिए पहल किया जा रहा है। सभी प्राचार्याे को अपने विद्यालयों में चिरायु की टीम का नियमित विजिट कराकर आवश्यकता वाले बच्चों को लाभांवित करने के लिए कहा। उन्होंने सभी प्राचार्यो को कड़ी हिदायत देते हुए कहा कि किसी भी आवश्यकता वाले बच्चों को स्वास्थ्य सुविधा से वंचित होने की जानकारी मिली तो संबंध प्रचार्य के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

जिला पंचायत सीईओ श्री यादव ने सभी प्राचार्याे, शिक्षको को अपनी क्षमता बढ़ाने, नवाचारी तकनीकों का उपयोग करते हुए स्कूलों में बेहतर शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिए कहा।  उन्होंने बोर्ड परीक्षा वाले विद्यार्थियों के रिजल्ट पर गंभीरता से ध्यान देने एवं उनका आकलन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष 10वीं, 12वीं के बच्चों का रिजल्ट शत प्रतिशत आना चाहिए, इस हेतु सभी अधिकारियों को प्रभावी कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए। मध्यम एवं कमजोर छात्रों की परीक्षा परिणाम में सुधार लाने हेतु प्राथमिकता से कार्य करने के निर्देश सभी बीईओ और प्राचार्य को दिए। उन्होंने ऐसे बच्चों हेतु अतिरिक्त कक्षा लेने के निर्देश दिए। विकाखण्ड शिक्षा अधिकारी और प्राचार्य को आगामी बोर्ड परीक्षा तक किसी भी प्रकार की अवकाश पर नहीं जाने के लिए कहा है।

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