राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष ने ली समीक्षा बैठक, कुपोषण को दूर करने के लिए पालकों में जागरूकता लाए- सरजियस मिंज

November 8, 2021 Off By Samdarshi News

बालिका छात्रावास-आश्रमों की संख्या बढ़ाने पर दिया जोर

समूह की महिलाओं को डेयरी पालन से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाएं

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

जशपुर. राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सरजियस मिंज की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रोरेट सभाकक्ष में विभागीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। उन्होंने जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए सार्थक प्रयास, बालिका आश्रम-छात्रावासों की संख्या वृद्धि करने, सड़कों के निर्माण कार्य में प्रगति लाने, अंग्रेजी माध्यम स्कूल का बेहतर संचालन, शिक्षकों की भर्त्ती सहित अन्य विभागीय योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली। इस अवसर पर कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के.एस.मण्डावी, अपर कलेक्टर आई.एल.ठाकुर और जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

सरजियस मिंज ने धान खरीदी की तैयारी के संबंध में जानकारी लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्होंने महिला बाल विकास अधिकारी को जिले में कुपोषण को दूर करने के लिए पालकों और माताओं को जागरूक करने के लिए कहा है। साथ ही बच्चों को प्रतिदिन पोषण आहार किस प्रकार से दिया जाना है, इस संबंध में भी पालकों को अवगत कराने के लिए कहा गया है। उन्होंने जिले के किसानों को चाय की खेती, मछली पालन, नाशपाती की खेती, लीची की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जोर दिया है, ताकि किसानों को फल उत्पादन से अधिक लाभ हो सके। उन्होंने समूह की महिलाओं को डेयरी पालन से जोड़ने के लिए कहा है। स्थानीय स्तर पर अधिकतर घरों में गाय की दूध की मांग रहती है। महिलाएँ इस व्यवसाय से जुड़ेगी तो स्थानीय स्तर पर ही उन्हें अधिक लाभ प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने बगीचा और सन्ना रोड़ के 10 कि.मी. निर्माण कार्य को पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं।

समीक्षा के दौरान उन्होंने जिले के साक्षरता की प्रतिशत के बारे में जानकारी ली और साक्षरता दर को और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया गया। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उनको अनेक विभागों में कार्य करने का अवसर मिला है चाहे पंचायत विभाग हो, मत्स्य विभाग, आदिम जाति विभाग, कृषि विभाग सहित अन्य विभागों में कार्य किया साथ ही अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं जमीनी स्तर पर बेहतर क्रियान्वयन किया गया। जिसका सार्थक लाभ लोगों को प्रत्यक्ष रूप से मिला है।