राज्य वित्त आयोग का जिले में स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित : राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष सरजिंयस मिंज ने स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों से की चर्चा

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श्री मिंज ने वित्त आयोग के पोर्टल और एप्प के बारे में दी जानकारी

निकाय के प्रतिनिधियों ने दिए अपने सुझाव

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, सारंगढ़-बिलाईगढ़

नवगठित सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के नगर पालिका सभाकक्ष में आज छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग का स्थानीय निकाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद कार्यक्रम संपन्न हुआ। उक्त कार्यक्रम में चतुर्थ राज्य वित्त आयोग के पदाधिकारीगण उपस्थित रहे। जिनमें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजिंयस मिंज, सचिव श्री सतीश पाण्डेय, संयुक्त सचिव श्री जे.एस.विरदी, अनुसंधान अधिकारी सुश्री पायल गुप्ता, निज सचिव श्री एम.एन.राजूकर उपस्थित रहे। इसके अलावा सारंगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती सोनी अजय बंजारे, उपाध्यक्ष श्री रामनाथ सिदार, सारंगढ़ मुख्य नगर पालिका अधिकारी मनीष गायकवाड़, विधायक प्रतिनिधि श्री अजय बंजारे, समस्त वार्ड पार्षद, एल्डरमैन एवं स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि गण उपस्थित रहे।

संवाद कार्यक्रम के दौरान राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजिंयस मिंज ने कहा कि आयोग सभी स्थानीय निकायों के सहयोग के लिए तत्परता से काम करता है, श्री मिंज ने आयोग के पोर्टल और एप्प के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इसमें निकाय बेहतर तरीके से अपनी जानकारियाँ दर्ज करना सुनिश्चित करें, ताकि इससे राज्य सरकार को नगरीय निकायों को राशि स्वीकृत करने में आसानी हो सके। इसके अलावा श्री मिंज ने उपस्थित निकाय के प्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों को ध्यान से सुना एवं उनसे विस्तारपूर्वक चर्चा की।

सचिव श्री सतीश पाण्डेय ने सर्वप्रथम सारंगढ़ नगर पालिका के कार्यों की समीक्षा करते हुए नगर पालिका द्वारा दी गई जानकारियों की प्रशंसा की एवं दिए गए आंकडों में पेंशन, पेयजल और कचरा संग्रहण से प्राप्त राशि संबंधी जानकारी में आंकड़ों संबंधी त्रुटि को मुख्य नगर पालिका अधिकारी को सुधार करने के निर्देश दिए। इसके अलावा श्री पाण्डेय ने निकाय के वित्तीय प्रबंधन से संबंधित संशोधन या सुधार हेतु सुझाव हेतु पू़छा जिस पर निकाय के सदस्यों से अपना मत रखा। जिस पर निकाय के सदस्यों ने निकाय से जुड़े शासकीय भूमि एवं नजूल भूमि को स्वयमेव बिना शासकीय हस्तक्षेप के निकाय को आबंटित करने हेतु सुझाव दिया ताकि दुकान हेतु आबंटित कर निकाय के राजस्व में वृद्धि हो सके। इसके अलावा जुआ एक्ट में कार्यवाही से प्राप्त राशि, चुंगीकर में वृद्धि, यात्री बसों को दी जाने वाली सुविधाओं से प्राप्त राशि, बाजार कर की अनुमति, विद्युत पोलों पर सम्पति कर आरोपित करने, मुद्रांक शुल्क की राशि प्राप्त करने इन विषयों पर सदस्यों ने अपने सुझाव दिए।  

राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री मिंज ने सभी सुझावों को ध्यानपूर्वक सुनने के पश्चात कहा कि हमें यह ध्यान रखना होगा कि जुआ एक्ट में की गई कार्यवाही से प्राप्त राजस्व से समाज में यह संदेश न जाए कि जुआ को और अधिक प्रोत्साहन मिले। इसके अलावा शासकीय भूमि के आबंटन संबंधी सुझाव के बारे में कहा कि शहरी विकास सिर्फ  दुकानों से नहीं होती है, हम लोगों की सुख-सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखना होगा, नागरिक सुविधा हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर ऐसा होना चाहिए जिसमें आवाजाही में कोई बाधा न हो, उसी प्रकार से बच्चों के खेलकूद के लिए मैदान एवं गार्डन की समुचित व्यवस्था हो। उन्होंने दूसरे देशों की व्यवस्था का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ वे बड़े सुव्यवस्थित तरीके से हर क्षेत्र में सभी चीजों की व्यवस्था करते हैं एवं बड़ी मात्रा में पौधरोपण भी करते हैं। नगरीय निकायों को इन विषयों का ध्यान रखना चाहिए।

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