पेट्रोलियम मंत्री पुरी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे, मोदी सरकार की मुनाफखोरी नीति से पेट्रोल डीजल, रसोई गैस की दाम बढ़े – मोहन मरकाम
January 23, 2023समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी अपने जिम्मेदारी से भागने वाला बयान देे रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केन्द्र सरकार की नैतिकता बनती है जब क्रूड आयल के दाम अंतराष्ट्रीय बाजार में कम हुये है और ऐसे में पेट्रोलियम पदार्थो के दाम भी भारत में भी कम होने चाहिये। मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल डीजल के दाम में बेतहासा एक्साइज ड्यूटी की वसूली की जा रही है केन्द्र सरकार के द्वारा, मुनाफाखोरी की जा रही है जो रसोई गैस के दाम में बढ़ोतरी की गयी है उसे तत्काल वापस लेना चाहिये। कैन्द्रीय मंत्री पुरी का पेट्रोलियम कंपनियों से अपील करना और राज्य सरकार से यह कहना वैट कम करे यह केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री का अपने जिम्मेदारी से भागने वाला बयान है। पूर्व में ही सभी राज्य सरकारो ने वैट कम किया था। जीएसटी लगने के बाद वैट ही तो राज्य सरकारो के सीधे प्रत्यक्ष कर का एक मात्र तो साधन बचा है। ऐसे में राज्य सरकारों से अपेक्षा करने के बजाये जो मुनाफाखोरी वाली नीति केन्द्र सरकार अपनायी हुयी है उसमें कटौती की जानी चाहिये। दरअसल मोदी सरकार चाहती ही नहीं है कि आम जनता को मंहगाई से राहत मिले इसलिये कुछ न कुछ बहाने बाजी करके ये अपने जिम्मेदारी से भागने की बात करते है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी द्वारा राज्यों से वैट कम किये जाने की मांग जनता से धोखा है। आज पेट्रोल-डीजल 100 रू. के पार हो गया है। इसका एकमात्र कारण केंद्र की एक्साइज ड्यूटी में मनमाने ढंग से बढ़ोत्तरी है। वर्ष 2014 में जब मोदी सरकार ने सत्ता संभाली, उस वक्त अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रुड ऑयल की कीमत गिरकर 44 डॉलर प्रति बैरल तक पहुॅंच गई थी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसका श्रेय स्वयं की किस्मत को दिया था। तब भी केंद्र सरकार ने क्रुड ऑयल की कीमतों में भारी गिरावट से जनता को राहत देने के बजाए, इस पर भारी भरकम एक्साइज ड्यूटी लगाकर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी नहीं की। तब से यह सिलसिला बदस्तुर आज भी जारी है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि यू.पी.ए के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के समय पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी रू. 9.48 तथा डीजल पर रू. 3.56 था जो मोदी राज में बढ़कर पेट्रोल एवं डीजल पर 33 रू. हो गयी है। 5 व 10 रू. की मामूली कटौती करने के बाद भी आज मोदी सरकार पेट्रोल पर 27.90 रू और डीजल पर 21.80 रू. एक्साइज वसूलती है। लेकिन केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी की बढ़ोत्तरी से ध्यान भटकाने के लिए हमेशा राज्यों को सलाह देती है कि वे वेट की दरों में कमी करके राहत पहुँचायें जबकि पिछले 15 सालों से वेट की दरें यथावत् हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोल-डीजल के मूल्यों में कमी लाने का एकमात्र हल एक्साइज ड्यूटी में कटौती करना ही है। एक्साइज ड्यूटी में कमी होने पर, वेट टैक्स उस अनुपात में स्वयमेव कम हो जाएगा और जनता को राहत मिलेगी। लेकिन केंद्र सरकार को आम आदमी के हितों से कोई सरोकार नहीं है। मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी के माध्यम से 23 लाख करोड़ रू. जनता से लूट लिए और कार्पोरेट घरानों के कंपनियों की कार्पोरेट टैक्स में 10 प्रतिशत कमी करके उन्हें 1,46,000 करोड़ रू. का टैक्स बेनीफिट दे दिया। मोदी सरकार की प्राथमिकता में बड़े उद्योग घराने हैं, आम जनता नहीं?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि छत्तीगसढ़ सरकार एक्साइज तथा वैट का कटौती मिलाकर पेट्रोल पर 3 रू. तथा डीजल पर 6 रू. की छूट दे रही है। केंद्रीय वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार संघीय कोष के राजस्व में 40 प्रतिशत हिस्सा राज्यों को प्राप्त होता है। डीजल पर प्रदत्त 10 रू. की छूट में से 6 रू. केंद्र सरकार का और 4 रू. राज्य सरकार का है तथा पेट्रोल में 5 रू. की छूट में 3 रू. केंद्र सरकार का तथा 2 रू. राज्य सरकार का है। कांग्रेस सरकार ने नवंबर 2021 में ही पेट्रोल पर 1 रू. और डीजल पर 2 रू. की वैट में कटौती कर राज्य की जनता को महंगाई से बड़ी राहत दी है। कांग्रेस सरकार ने इस कटौती को 1 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक के लिये पहले ही बढ़ा दिया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में कटौती करके यह बता दिया था कि कांग्रेस सरकार की प्राथमिकता में जनता को राहत पहुंचाना है। छत्तीसगढ में कांग्रेस सरकार बनने के बाद पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले वैट में कांग्रेस सरकार ने 1 भी पैसे की बढ़ोतरी नहीं किया था, उसके बावजूद कांग्रेस सरकार ने जनता को महंगाई से राहत पहुंचाने के लिये वैट में कटौती किया था।