बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए शिक्षक रणनीति बनाकर अध्यापन कार्य करें : कलेक्टर

Advertisements
Advertisements

बच्चों की सफलता के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना, अवसर उपलब्ध कराना, व्यक्तिगत मदद करना शिक्षकों का कर्तव्य

कलेक्टर ने ली विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्यों की बैठक

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

राजनांदगांव । कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने आज बल्देव प्रसाद मिश्र विद्यालय के शहीद विनोद चौबे मेमोरियल ऑडिटोरियम में जिले के सभी स्कूल के प्राचार्यों की बैठक ली। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि बच्चों के प्रति प्राचार्य के रूप में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। प्राचार्य और शिक्षक पूरे समाज के लिए आदर्श होता है। स्कूलों में अनुशासन बनाए रखने के लिए प्राचार्यों को कठोर होना पड़ता है और इसी से ही स्कूल को सुधारा जा सकता है। स्कूल का केन्द्र बिन्दुप्रधानपाठक और प्राचार्य होता है। जब प्राचार्य अनुशासन का पालन करेंगे तब अन्य शिक्षकों में अनुशासन होगा।

उन्होंने कहा कि कुछ महीनों के बाद बच्चों की परीक्षा आने वाली है। बच्चों की परीक्षा की तैयारी के लिए विशेष रणनीति बनाई जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षक के लिए सभी बच्चे बराबर होते हैं। पढ़ाई में कुछ बच्चे तीव्र होते है, कुछ बच्चे कमजोर होते हंै। शिक्षक के रूप हमारी जिम्मेदारी है, बच्चों की कमजोरी का पता लगाकर उसे दूर करना। आगे बढऩे के लिए सभी बच्चे को प्रोत्साहित करना, अवसर उपलब्ध करना, व्यक्तिगत मदद करना और बच्चों से संपर्क करना। सभी शिक्षकों को प्रत्येक बच्चों को अपना समझते हुए, व्यक्तिगत संपर्क रखना चाहिए। प्राचार्य कक्षा में पहुंचकर शिक्षकों की पढ़ाई की मॉनिटरिंग करें। स्कूल में बच्चा समय पर नहीं पहुंच रहा है, तो उनसे इसके कारण की जानकारी लेनी चाहिए। इस बारे में बच्चों के अभिभावकों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी ले और उसे दूर करें। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी और प्रायमरी स्कूलों में लड़कियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी अधिक बढ़ जाती है। स्कूल में बच्चा अच्छा कार्य कर रहा है, तो उसे सम्मानित करें, इससे अन्य बच्चे प्रोत्साहित होंगे।

कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि कोविड-19 के कारण पिछले डेढ़ वर्षों से बच्चे स्कूलों में पढऩे नहीं आए थे। इस कारण हमारी जिम्मेदारी अधिक है कि 10वीं और 12वीं की परीक्षा के तैयारी के लिए रणनीति बनाकर कार्य करना है। 10वीं और 12वीं के बच्चों के लिए विषयवार 100-100 प्रश्र पिछले वर्षों के पेपर से चयन करेंं और विषय विशेषज्ञ शिक्षक से मॉडल उत्तर तैयार कर पुस्तक के रूप में स्कूलों में उपलब्ध कराएं। इस पुस्तक से बच्चों को अभ्यास कराएं। जिससे विद्यार्थी अच्छा परिणाम लाएंगे। उन्होंने कहा कि बच्चों को अतिरिक्त तैयारी कराने की जरूरत है। बच्चों द्वारा अधिक अभ्यास करने से विषय में दक्ष होंगे। परीक्षा की तैयारी के लिए साप्ताहिक परीक्षा आयोजित की जाए। कक्षा में बच्चों द्वारा उत्तर पढ़ के सुनाया जाए। जिससे अन्य बच्चों को याद हो। साथ ही बच्चों को उत्तर लिखने का अभ्यास कराई जाए।

इससे परीक्षा में टाईम मैनेजमेंट को ध्यान में रखते हुए सभी उत्तर बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि वार्षिक परीक्षा के लिए समय कम बचा हुआ है। इस समय अवधि में बच्चों को परीक्षा के लिए तैयार किया जाए। बच्चों को परीक्षा के लिए घबराहट न हो इसके लिए कठिन चीजों को सरल करके बताएं। प्राचार्य तथा शिक्षक इसके लिए बेहतर कार्य करें। सभी बच्चों को परीक्षा के लिए परिपक्व बनाए। उन्होंने कहा कि प्राचार्य और शिक्षक गुरू के रूप में ऐसे व्यक्ति होते हैं जो बच्चों की कमी को दूर कर सकते हैं और उनके गुणों को तराश कर आगे बढ़ा सकते हंै। उन्होंने कहा कि कोई भी अच्छा काम कठिन होता है, इसमें मेहनत, तपस्या अधिक लगती है।

जिला शिक्षा अधिकारी श्री एचआर सोम ने कहा कि 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा प्रारंभ होने वाली है इसके लिए रणनीति के साथ तैयारी की जाए। कोविड-19 के कारण आई समस्या को दूर करते हुए कार्य करना है। इसके लिए यह आवश्यक है कि बच्चे स्वस्थ रहें। बच्चे स्वस्थ रहने से पढ़ाई कर सकेंगे। स्वस्थ रहने के लिए जिले में खेलकूद का आयोजन भी किया जा रहा है। इस अवसर पर सहायक संचालक शिक्षा आदित्य खरे, सहायक संचालक शिक्षा श्रीमती संगीता राव,  डीएमसी भूपेन्द्र साहू सहित जिले के विकासखंड शिक्षा अधिकारी एवं प्राचार्य उपस्थित थे।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!