चालू वित्तीय वर्ष में छठवीं बार रेपो रेट बढ़ाकर मोदी सरकार ने दिया झटका, होम लोन, आटो लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के लोन हो जायेंगे महंगे – सुरेंद्र वर्मा

चालू वित्तीय वर्ष में छठवीं बार रेपो रेट बढ़ाकर मोदी सरकार ने दिया झटका, होम लोन, आटो लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के लोन हो जायेंगे महंगे – सुरेंद्र वर्मा

February 8, 2023 Off By Samdarshi News

चालू वित्त वर्ष में ही विगत 9 माह में कुल 2.5 प्रतिशत बढ़ा रेपो रेट, आय में कमी से जूझ रही जनता पर 2.50 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज का भार

बजट में मनरेगा, खाद सब्सिडी, फूड सब्सिडी, सामाजिक पेंशन, महिला और बाल विकास के फंड में कटौती के बाद अब रेपो रेट बढ़ाकर जनता पर दोहोरी मार

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

आरबीआई द्वारा रेपो रेट बढ़ाए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक बार फिर आम आदमी को झटका दिया है। विगत 9 महीनों के भीतर छठवीं बार रेपो रेट बढ़ाना यह प्रमाणित करता है कि मोदी सरकार महंगाई पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम हो चुकी है और आज़ पुनः रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। विदित हो कि इसी वर्ष 4 मई को 0.40 प्रतिशत, 8 जून को 0.50 प्रतिशत, 5 अगस्त को 0.50 प्रतिशत, 30 सितंबर को 0.50 प्रतिशत 7 दिसंबर को 0.35 प्रतिशत और अब आज़ 8 फरवरी को 0.25 अर्थात चालू वित्त वर्ष के विगत 9 महीनों में ही कुल 2.50 प्रतिशत बढाया गया है।

रेपो रेट फिर से बढ़ाने का सीधा असर आम जनता पर पड़ना निश्चित है। इससे पहले आरबीआई पांच बार की मॉनिटरी पॉलिसी बैठकों में पहले ही 2.25 फीसदी रेपो रेट को बढ़ा चुकी है। होम लोन, आटो लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के लोन में ब्याज और ईएमआई महंगे हो जाएंगे। अनुमान है कि 20 साल की अवधि के लिए 30 लाख़ के लोन पर ढाई परसेंट बढ़ोतरी पर प्रत्येक माह लगभग ₹4657 का अतिरिक्त भार पड़ेगा। केंद्र की मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की वज़ह से महंगाई, बेरोजगारी और आय में कमी की मार झेल रहे आम जनता पर यह एक और अत्याचार है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार का एक सूत्रीय कार्यक्रम “आमजनता से खींचो और पूंजीपति मित्रों को सींचों“ का है। हाल ही में प्रस्तुत बजट 2023 में मनरेगा, खाद सब्सिडी, फूड सब्सिडी, सामाजिक पेंशन, महिला और बाल विकास जैसे जन कल्याण के महत्वपूर्ण विषय से संबंधित फंड में कटौती की गई है। मोदी राज में गलत आर्थिक नीतियों के चलते व्यापार संतुलन बिगड़ा है, विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रही है, देश पर कुल कर्ज 55 लाख़ करोड़ से बढ़कर 156 लाख़ करोड़ से अधिक हो चुका है लेकिन घटने के बजाय इस बजट में कुल प्राप्तियों के 34 प्रतिशत नए कर्ज से प्राप्ति बताया गया है, अर्थात 18 लाख करोड़ का और नया कर्ज।

बेरोजगारी 45 वर्षों के शिखर पर है। देश में अभी लगभग 90 करोड लोग नौकरी के योग्य हैं, जिनमें से 45 करोड़ों लोगों ने मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के चलते हताशा में नौकरी की तलाश ही छोड़ दी है। क्रूड आयल की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 2014 की तुलना में लगभग आधा है, लेकिन विगत 8 वर्षों में पेट्रोल की कीमत लगभग 30 रुपए और डीजल की कीमत 40 रुपए प्रति लीटर अधिक है, जो मोदी सरकार के मुनाफाखोरी का प्रमाण है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार अपनी हर नाकामी से होने वाले नुकसान की भरपाई आम जनता से करने पर उतारू है। एक तरफ केंद्र की मोदी सरकार चंद बड़े पूंजीपतियों का लाखों करोड़ का लोन राइट ऑफ कर रही है, लगभग डेढ़ लाख करोड़ प्रत्येक वर्ष कारपोरेट को टैक्स में राहत दे रही है, एलआईसी और एसबीआई का पैसा दबाव पूर्वक अडानी की डूबती कंपनी पर लगाई जा रही है वही दूसरी ओर आम जनता को नित नए तुगलकी फैसलों से प्रताड़ित कर रही है।

कपड़ा, आटा, दाल, चावल, दूध, दही, पनीर जैसे दैनिक उपभोग की वस्तुओं को भी जीएसटी के दायरे में लाकर टैक्स वसूल रही है। विगत 8 वर्षों में आटे की कीमत लगभग 50 प्रतिशत, चावल 40 प्रतिशत, दूध 60 प्रतिशत और नमक की कीमत 35 प्रतिशत तक बढ़ गई है। महंगाई और घटती आमदनी की दोहरी मार झेल रही आम जनता के लिए रेपो दर बढ़ाकर लोन पर ब्याज भी महंगा कर दिया गया है। बुजुर्गों और महिलाओं के आय के प्रमुख स्रोत एफडीआर और बचत खाते पर ब्याज दर घटकर आधी रह गई है लेकिन लोन पर ब्याज दर लगातार बढ़ाये जा रहे हैं। इस फैसले का देश के आर्थिक विकास में नकारात्मक असर सुनिश्चित है।