तपकरा का अर्थ है तपोभूमि, हमारे पूर्वजों ने तप किया और उसी का फल है आज तपकरा पल्ली देश विदेश में अपने कीर्तिमान का पंचम लहरा रहा है – विक्टर हेनरी ठाकुर

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तपकरा पल्ली ने स्थापना का शतवर्षीय जुबली समारोह हर्षोल्लास के साथ मनाया : जुबली स्मारिकाओं एवं प्रतिमाओं का किया गया अनावरण

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी/जशपुर

पूर्वजों के आस्था और विश्वास का अटूट मिशाल को याद करते हुए तपकरा पल्ली ने अपने स्थापना का सौ वर्ष पूरे होने पर शतवर्षीय जयंती समारोह, पल्ली परिसर में धूमधाम से मनाया। जयंती समारोह का नृत्य दल के प्रवेश नृत्य एवं पल्ली पुरोहित फादर एलियास खलखो के स्वागत संबोधन के पश्चात विशेष जुबली तुरही नाड एवं अतिथियों द्वारा सौ मोमबत्तियों को प्रज्वलित कर विधिवत प्रारम्भ किया गया।

जिसके उपरांत विभिन्न जुबली स्मारिकाओं एवं प्रतिमाओं का अनावरण बिशपों के द्वारा किया गया। मुख्यानुष्ठाता रायपुर महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष विक्टर हेनरी ठाकुर की अगुवाई में मिस्सा का अनुष्ठान किया गया। उन्होंने प्राम्भिक संबोधन में कहा तपकरा का अर्थ है तपोभूमि, हमारे पूर्वजों ने तप किया और उसी का फल है आज तपकरा पल्ली देश विदेश में अपने कीर्तिमान का पंचम लहरा रहा है।

कटक-भुबनेश्वर महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष जोन बरवा ने अपने प्रवचन में कहा विदेशी मिशनरियों ने हमारे पूर्वजों के बीच विश्वास, शिक्षा और प्रेम की ज्योति को फैलाया। सौ साल के दरमियान ख्रीस्तीय जीवन में काफी बदलाव आया है तथा क्षेत्र का विकास हुआ है। हमने धार्मिक, शैक्षणिक, सामाजिक तथा अन्य क्षेत्रों में प्रगति किया है। उन्होंने आगे कहा जिन अच्छाईयों को हमने  पाया है उसे जीने तथा अगली पीढ़ी के लिए धरोहर के रूप में देने की आवश्यकता है। 

इस समारोह में रायपुर महाधर्मप्रांत के महा धर्माध्यक्ष विक्टर हेनरी ठाकुर, कटक-भुबनेश्वर महाधर्मप्रांत के महाधर्माध्यक्ष जोन  बरवा, रायगढ़ के बिशप पौल टोप्पो, जशपुर धर्मप्रान्त के बिशप एम्मानुएल केरकेट्टा, सिमडेगा धर्मप्रान्त के बिशप विन्सेन्ट बरवा, हजारीबाग धर्मप्रान्त के बिशप आनंद जोजो, गुमला धर्मपान्त के प्रशासक फादर लिनुस पिंगल एक्का, सेवानिवृत्त पतरस मिंज, मध्यप्रदेश प्रोविंस के प्रोविंशियल रंजीत तिग्गा, पलोटी धर्मसंघ के प्रोविंशियल फादर बिपिन मिंज, विकर जेनेरल गण, पुरोहितगण, प्रोविंशियलगण,  धर्मबहनें, अतिथिगण तथा  पल्लीवासियों ने हजारों की संख्या में उपस्थित हुए। इस मौके पर कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक यू डी मिंज तथा तपकरा नगर के गणमान्य आतिथि उपस्थित रहे।

शतवर्षीय जुबली समारोह की तैयारी बहुत पहले से की जा रही थी। आध्यात्मिक तैयारी के साथ साथ पल्ली परिसर की सफाई तथा साज सजावट भव्य रूप से की गयी। धार्मिक गीतों का गायन फादर एरेनियुस तिर्की की अगवाई में पल्ली गायक मंडली ने गाया। धार्मिक नृत्य छात्राओं एवं पल्लीवासिओं ने किया। इस अवसर पर सरगुजा जिला के डिप्टी कलेक्टर नीलम टोप्पो द्वारा रचित पण्डरू नैगर वाला गाना द्वारा पूर्वज मिशनरियों को श्रद्धांजलि दिया गया।

जुबली समारोह के दूसरे चरण में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यकर्म सम्पन्न कराये गये।  तपकरा पल्लीवासियों के अलावा समस्त निकटवर्ती पल्लियों वासियों द्वारा पारंपरिक नृत्य, छोटी नाटिका तथा अन्य आकर्षक  कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। समारोह को सफल बनाने में पल्ली पुरोहित फादर एलियास खलखो, फादर प्लसीदीयुस लकड़ा, फादर एरेनियुस तिर्की, जुबली समिति, सिस्टर इसराली केरकेट्टा, धर्मबहनें, स्कूल समुदाय, पल्ली के काथलिक सभा, महिला संघ, युवा संघ एवं क्रूसवीर का अहम योगदान रहा।

तपकरा पल्ली का संक्षिप्त इतिहास:

सुश्री दयामनी टोप्पो ने तपकरा पल्ली का इतिहास प्रस्तुत किया। तपकरा पल्ली में ईसाई धर्म का सूत्रधार झारखण्ड राज्य के कुरडेग से हुआ। पल्ली की स्थापना 26 जनवरी 1923 में हुई थी। प्रथम पल्ली पुरोहित फादर पौल फेरोन  थे। फादर जेम्स नगंत ने 1948 में ईश मंदिर का शिलान्यास रखा। तपकरा पल्ली से विभजित होने वाले पल्लियाँ तमामुण्डा, भेलवां, दरूपिसा,सूंडरू, केरसई और ख़रीबहार है।

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