केंद्र का उसना चावल लेने से मना करने पर भाजपा क्यों मौन हैं ? – मोहन मरकाम

November 16, 2021 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि किसानों के नाम से राजनीति करने वाले भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय को किसानों और उसना चावल बनाने वाले मिलरों को बताना चाहिए कि मोदी सरकार आखिर उसना चावल क्यों नहीं लेना चाहती है? सेंट्रल पूल में उसना चावल नही लेने से 600 से अधिक राइस मिल बंद होंगे, वहाँ काम करने वाले बेरोजगार होंगे उनका क्या होगा?

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार के कथनी और करनी में अंतर है। चालू खरीफ वर्ष के लिए मोदी सरकार के छत्तीसगढ़ से 61 मीट्रिक टन चावल लेने के सैद्धांतिक सहमति में भी राज्य को परेशान करने की नीयत साफ दिख रही है। जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने इस वर्ष उसना चांवल सेंट्रल पुल में लेने में मनाही की है। ये मोदी भाजपा के किसान विरोधी नीति को उजागर करता है। पिछले वर्ष भी 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सैद्धांतिक सहमति देकर किसानों का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश किया गया लेकिन वास्तविक में मात्र 24 लाख मीट्रिक टन चावल ही सेंट्रल पुल में छत्तीसगढ़ से लिया गया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार किसानों के धान खरीदी में बाधा उत्पन्न करने के लिए इस प्रकार से शर्तें लागू की है। मोदी सरकार को अपने शर्तों को शिथिल करना चाहिए और पूर्व में से चली आ रही सेंट्रल पूल में चावल देने की व्यवस्था को यथावत रखना चाहिए। मनमोहन सरकार के दौरान से छत्तीसगढ़ से सेंट्रल पूल में उसना और अरवा चावल दोनों चावल को बराबर लिया जाता रहा है आज भी उन्हीं व्यवस्थाओं को लागू करना चाहिये।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य से सेंट्रल पूल में उसना चावल नहीं लेने की बात कह कर एक बार फिर से राज्य के किसानों और प्रदेश के मिलरों के हितों के खिलाफ कदम उठा रही है। पहले केंद्र राज्य से उसना चावल भी बराबर लेती थी। केंद्र द्वारा उसना लेने के कारण राज्य के मिलरों ने लाखों रुपये खर्च करके उसना का प्लांट लगाया। यदि उसना चावल लेना बंद कर दिया जायेगा तो मीलों में ताला लग जायेगा।