होली पर केमिकल रंगो पर जशपुरिया हर्बल रंगो का जोर : जशपुर जिले की 12 स्व सहायता समूह की 100 महिलाएं साग-सब्जी, फल-फूल से तैयार कर रही हैं हर्बल गुलाल, चेहरे के लिए गुलाल बहुत ही उपयुक्त, शरीर को भी कोई नुक्सान नहीं

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सी-मार्ट और कलेक्टोरेट कार्यालय सहित अन्य जगहों पर स्टॉल लगाकर विक्रय किया जा रहा है गुलाल

कृषि विज्ञान केन्द्र डुमरबहार से महिलाओं को दिया गया प्रशिक्षण

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

होली त्यौहार को देखते हुए जशपुर जिले के गौठान की 12 स्व सहायता समूह की लगभग 100 महिलाए हर्बल गुलाल बना रही हैं। महिलाएं पालक से हरा, लाल भाजी से लाल, हल्दी से पीला, चुकन्दर से कथा गुलाल बना रही हैं। स्थानीय साग-सब्जी और फल-फूल का उपयोग कर रही है। 

जिला प्रशासन समूह की महिलाओं को सीजन अनुसार सामग्री बनाने के लिए निरंतर प्रोत्साहित भी करती है। महिलाओं को कृषि विज्ञान केन्द्र डुमर बहार के माध्यम से गुलाल बनाने के लिए प्रशिक्षण भी दिया गया है। वर्तमान में कांसाबेल विकासखण्ड के बटईकेला में पार्वती स्व सहायता समूह, कुनकुरी विकासखण्ड दुर्गा स्व सहायता समूह, दुलदुला विकासखण्ड के ज्योति स्व सहायता समूह, पत्थलगांव विकासखण्ड के जीवन सरना स्व सहायता समूह, जशपुर विकासखण्ड के सिनगी स्व सहायता समूह, बगीचा विकासखण्ड के नटकेला के विकास स्व सहायता समूह और राजा रानी स्व सहायता समूह गुलाल तैयार कर रही हैं। महिलाओं द्वारा रासायनिक मुक्त और सुगंधित हर्बल गुलाल बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। महिलाओं द्वारा इस बात का विशेष ध्यान दिया जा रहा है कि प्राकृति फल, फूल और सब्जियों से हर्बल गुलाल का उपयोग लोग करें। इसके लिए कृषि विशेषज्ञों की मार्गदर्शन में गुलाल तैयार किए जा रह हैं।

समूह की महिलाओं ने बताया की त्वचा के लिए हर्बल गुलाल बहुत ही उपयुक्त है। इससे शरीर को हानि नहीं पहुंचती है। समूह की महिलाओं द्वारा सी-मार्ट में गुलाल का विक्रय किया जा रहा है साथ ही जिला कलेक्टोरेट कार्यालय सहित अन्य स्थानों पर स्टॉल लगाकर विक्रय भी किया जा रहा है।

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