मोदी सरकार देश की जनता को चारों तरफ से लूट रही है, मोदी सरकार के पांच किलो फ्री चाँवल को पकाने 1200 रु का सिलेंडर गरीब जनता कैसे खरीदे? – धनंजय सिंह ठाकुर

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410 रु में मिलने वाले रसोई गैस को महंगा बताने वाली भाजपा नेत्रियां अब सिलेंडर के दाम 1200 रु होने पर मौन क्यो है?

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

रसोई गैस के दाम में हुई 50 रु. की वृद्धि पर भाजपा को घेरते हुये प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि भाजपा की सेल्फी अभियान की हवा सिलेंडर के बढ़े दामों ने निकाल दिया। मोदी एप में केंद्रीय योजनाओं के हितग्राहियों के साथ सेल्फी लेकर फोटो शेयर करने वाले अब उज्जवला योजना के हितग्राहियों के घर जाने से डर रहे क्योंकि सिलेंडर के दाम आसमान छू रहे हैं और उज्जवला योजना के हितग्राही सिलेंडर नहीं भरवापाने के चलते चूल्हा में खाना बनाने मजबूर हैं और भारतीय जनता महिला मोर्चा की बहनें जो 410 रु. की रसोई गैस को महंगा बताकर विरोध करती थी। आज 1200 रु. होने पर मौन हैं और वो महिलाओं की सामना करने से बच रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने तंज कसा क्या इसी को अच्छे दिन बोलते है। 410 रु. के रसोई गैस को जनता 1200 रु. में खरीदने मजबूर है। उज्ज्वला योजना के नाम से गरीबो के साथ भद्दा मजाक मोदी सरकार ने किया है। एक ओर मोदी सरकार देश के 80 करोड़ जनता को फ्री में 5 किलो राशन देने का दावा करती है। दूसरी ओर रसोई गैस के दाम में 50 रु की वृद्धि कर लुटती है। मोदी सरकार से मिले 5 किलो निःशुल्क चाँवल को जनता कैसे पकाये? मिट्टी तेल की आपूर्ति पहले ही बन्द है लकडियॉ मिल नही रही है रसोई गैस खरीदने 1200 रु कहाँ से लाये?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार चारों तरफ से देश की जनता को लूट रही है। मोदी सरकार की कुनीतियाँ मुनाफाखोरी की नीतियां और मोदी के अपने मित्रों के प्रति समर्पण के भाव के चलते जनता हताश और परेशान हैं। देश में कोई ऐसा वस्तु नहीं बचा है जिस पर मोदी सरकार टैक्स नहीं ले रही हो जूता चप्पल कापी पुस्तक दूध दही से लेकर शौचालय इस्तेमाल करने पर भी जीएसटी जनता को देना पड़ रहा है। जहां महंगाई से जनता पीड़ित है जनता को राहत देने के बजाय मोदी सरकार जरूरी और आवश्यक वस्तुओं के दामों पर भी वृद्धि कर रही है। आरबीआई की रेपो रेट बढ़ाने से वित्तीय सहायता लेकर आम लोगों का घर बनाने का सपना चूर हुआ है जिन्होंने घर बनाने के लिए वित्तीय सहायता लिया है उनके भी मासिक किस्तों में 20 से30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। इससे उनका घर का बजट और बिगड़ गया है एक ओर जहां आमदानी कम हुई है और खर्चा बढ़ गया है हालात ये है कि लोगो को कर्ज चुकाने कर्ज लेना पड़ रहा है।

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