बिहान के हसदेव ब्रांड को बाजार में मिल रहा अच्छा प्रतिसाद, महिला समूहों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों को मिली नई पहचान, सीमार्ट के माध्यम से हसदेव ब्राण्ड का पांच लाख रूपए का हो चुका व्यवसाय

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कोरबा

बिहान के महिला स्व सहायता समूहों द्वारा बनाये जा रहे उत्पादों से संबंधित हसदेव ब्रांड कोरबा जिला के साथ ही राज्य में अपनी पहचान बना रहा है। एक वर्ष से भी कम समय में लाखों रुपये का व्यवसाय करके हसदेव ब्रांड बिहान के उत्पादक समूहों में विशिष्ट स्थान हासिल कर चुका है। पहले स्वसहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पाद पहचान न होने के कारण बाजार प्राप्त करने में कठिनाईयों का सामना कर रहे थे। परंतु अब ये उत्पाद किसी पहचान के मोहताज नहीं है। हसदेव नाम ही उत्पादों की पहचान है। बिहान के विभिन्न स्वसहायता समूह द्वारा हल्दी, मिर्च, मसाला, चप्पल, एलईडी बल्ब, शहद, साबुन, अगरबत्ती, हैंडवास, फिनायल, आर्टिफिशल ज्वेलरी, आचार, पापड, बडी, सुगंधित, चांवल, दालें एवं अन्य वस्तुओं का निरंतर उत्पादन किया जा रहा है। इन उत्पादों को हसदेव का नाम मिलने से सहज रूप से खुले बाजारों में तथा संस्थाओं में आपूर्ति की जा रही है। ये उत्पाद गुणवत्तापूर्ण होने के साथ ही अन्य चर्चित ब्रांड के उत्पादों की कीमत से कम हैं। अतः इन्हें जनसामान्य से अच्छा प्रतिसाद मिल रहा  है।

शहरी क्षेत्र में उपभोक्ताओं को यह उत्पाद उपलब्ध कराने हेतु शहर में स्थित सीमार्ट के माध्यम से भी विक्रय किया जा रहा है। सीमार्ट के माध्यम से करीब 5 लाख रूपये का व्यवसाय किया जा चुका है। बिहान स्वसहायता समूह द्वारा संचालित राशन दुकानों के माध्यम से हसदेव ब्रांड के उत्पादों का निरंतर विक्रय किया जा रहा है। इसी तारतम्य में जिले के ग्रामीण अंचलों में बिहान समूहों द्वारा 18 स्थानों पर हसदेव मार्ट की स्थापना की गई है। इन मार्ट के द्वारा विगत दो माह में करीब 24 लाख रूपये का व्यवसाय किया जा चुका है। हसदेव ब्रांड के उत्पादों को जिले के अतिरिक्त राज्य एवं राज्य के बाहर आयोजित सरस मेला, प्रदर्शनी में उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। जहां पर भी यह ब्रांड लोगों में आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। उल्लेखनीय है कि 1 वर्ष से भी कम के अल्प समय में हसदेव ब्रांड ने अपनी पहचान स्थापित की है। रंगपर्व होली त्यौहार में भी लोगों की अपेक्षा अनुरूप हसदेव ब्रांड के हर्बल गुलाल का उत्पादन एवं विक्रय किया जा रहा है। जिसमें चुकंदर,हल्दी, फूलों,भाजी जैसी प्राकृतिक चीजों को उपयोग किया जा रहा है। यह प्राकृतिक गुलाल भी लोगों को द्वारा खरीदा एवं सराहा जा रहा है।

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