सड़क जैसे परिस्थिति में निवासरत बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यु एवं पुनर्वास हेतु 31 तक जशपुर जिले में चलाया जा रहा विशेष अभियान

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बच्चों के चिन्हांकन, संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु विस्तृत दिशा-निर्देश जारी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

छत्तीसगढ़ शासन महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जारी अधिसूचना अनुसार कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा जिले में सड़क एवं सड़क जैसी परिस्थितियों में निवासरत बच्चों के सर्वेक्षण रेस्क्यू एवं पुर्नवास हेतु पुनर्वास नीति बाल सक्षम जारी की गई है। नीति अनुसार सड़क जैसे परिस्थिति में निवासरत बच्चों के सर्वेक्षण, रेस्क्यु एवं पुनर्वास हेतु विशेष अभियान 31 मार्च 2023 तक संचालित किया जा रहा है। उक्त अभियान में पुलिस अधीक्षक, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, जिला शिक्षा अधिकारी, श्रम पदाधिकारी, एसडीएम एवं सीएमओ नगर पंचायत, विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी, चाईल्ड लाईन, जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी कर्मचारियों का रेस्क्यु दल गठित की गई है। अभियान संचालन हेतु बाल विकास परियोजना अन्तर्गत सेक्टर को संकुल बनाया गया है। इसी प्रकार पर्यवेक्षक को अपने प्रभार सेक्टर अन्तर्गत ग्राम पंचायत का प्रभारी नियुक्त किया गया है।

सड़क जैसी परिस्थिति में रहने वाले बच्चों की चिन्हांकन हेतु विभिन्न मापदंड जारी किए गए है। जिसके अंतर्गत सड़क जैसी परिस्थिति में बिना किसी सहयोग के अकेले रहने वाले, सड़क जैसी परिस्थितियों में अपने परिवार के साथ रहने वाले, और  दिन में सड़क जैसी परिस्थितियों में व रात को अपने परिवार के साथ पास की झुग्गी, झोपड़ियो में रहने वाले बच्चे शामिल है। उक्त श्रेणी में रहने वाले बच्चों को अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण  हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षा एवं चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस हेतु सड़क जैसी परिस्थितियों में रहने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें संरक्षण व शिक्षा सहित अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराना आवश्यक है। साथ ही उनके परिवारों को भी शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनके प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था की जाएगी। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग द्वारा इन बच्चों के चिन्हांकन संरक्षण एवं पुनर्वास हेतु चरणबद्ध कार्यवाही करने के निर्देश जारी किए है। जिसमें ऐसे बालकों का चिन्हांकन, उनकी सामाजिक पृष्ठभूमि की जानकारी एकत्र करना, देय सुविधाओं अथवा लाभ का चिन्हांकन एवं अनुशंसा को शामिल करने व व्यक्तिगत देखभाल की योजना बनाना, बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुतिकरण, बालक, परिवार, अभिभावकों को विभिन्न शासकीय योजनओं एवं सुविधाओं से जोड़ना एवं अनुवर्तन की कार्यवाही सुनिश्चित करना है।

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