छत्तीसगढ़ शासन का इस वर्ष का आम बजट बेहद ही निराशाजनक, सरकार पूर्व की तरह ही अपने खोखले वादों के साथ जनता के सामने आई है – श्रीमती रेणुका सिंह

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ का बजट आम जनता की आशाओं के अनुरूप नहीं है। बजट में ऐसा कुछ नया नहीं है, जिसे देखकर विकास की नई आशाएं जागृत हों। भूपेश बघेल सरकार जनता के सामने अपने खोखले वादों के साथ फ़िर आई है, ऐसा ही लग रहा है।

कांग्रेस शासन 2018 के आम चुनाव में अपने जनघोषणा पत्र में गंगाजल की सौगंध खाकर  जनता से शराबबंदी का वादा करके सत्ता में आई थी, पर वह वादा आज तक पूरा नहीं हुआ। आज प्रदेश के 16 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास से प्रदेश की गरीब जनता वंचित है। भूपेश बघेल की सरकार इन आवासों के संदर्भ में जो आंकड़े पेश करती है, वो भाजपा के 15 वर्ष के शासनकाल में बने थे।

किसानों को 2 साल का बकाया बोनस अब तक नहीं दिया। यह किसान विरोधी सरकार है।कांग्रेस ने अपने जनघोषणा पत्र में 200 फूड पार्क बनाने की बात कही थी, पर उसका अब तक कोई अता-पता नहीं है। कर्मचारियों का नियमितीकरण भी अब तक नहीं हुआ, यह उनकी आशाओं पर कुठाराघात है।

पत्रकार सुरक्षा कानून को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़ है, जहां लोकतंत्र का चतुर्थ स्तम्भ ही सुरक्षित नहीं है।प्रदेश के संसाधनों को पानी की तरह बहाया जा रहा है भ्रष्टाचार किया जा रहा है।बजट देखकर ऐसा नहीं लगता कि जनता की आशाएं पूरी होंगी, और कुछ नया होने वाला है।

कांग्रेस के इस पंचवर्षीय कार्यकाल यह अंतिम बजट अब अंतिम ही रहने वाला है। यह विश्वासघाती सरकार है, और इसने फ़िर एक बार जनता को ठगा। और सनद रहे जनता विश्वासघातियों को कभी माफ़ नहीं करने वाली। इस बजट से हर वर्ग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहा है।

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