गोधन न्याय योजना से पशुपालकों को मिल रहा लाभ : सुचारू रूप से संचालन हेतु निरंतर कृषक प्रशिक्षण, संगोष्ठी, किसान मेला, गौठान मेला का किया जा रहा आयोजन

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, राजनांदगांव

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत संचालित गौठानों में  गोबर क्रय, वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, विक्रय एवं आजीविका से संबंधित गतिविधियां संचालित की जा रही है। जिसके तहत ग्रामीण व शहरी पशुपालकों की अर्थव्यवस्था के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण योगदान मिल रहा है। जिले में बहुतायत संख्या में कृषकों द्वारा पशुपालन का व्यवसाय किया जाता है। गाय एवं भैंस वंशीय पशुओं के गोबर की व्यवस्थित ढंग से उपयोग नहीं होने, वैज्ञानिक पद्धति से ऑर्गेनिक खाद का उत्पादन नहीं करने एवं खुले पशुओं द्वारा उत्सर्जित गोबर को एकत्र नहीं करने के कारण कृषकों को इसका लाभ नहीं मिल रहा था। इस योजना से गोबर से निर्मित वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट जैसे कार्बनिक खाद से कृषकों के खेतों में जैविक खेती की दिशा में उत्कृष्ट पहल की जा रही है। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों का उपयोग कम होने से भूमि, जल, वायु, पर्यावरण के प्रदूषण को कम करके भोज्य श्रंृखला में रासायनों के अवशेष को कम किया जा रहा है। जिससे खाद्य पदार्थों  गुणवत्ता में सुधार होने की पूर्ण संभावना है। आगामी खरीफ वर्ष 2023 हेतु रासायनिक उर्वरकों की खपत को कम करके गुणवत्तापूर्ण अधिकतम वर्मी कम्पोस्ट कृषकों को उपलब्ध कराने की दिशा में सार्थक प्रयास किया जा रहा है।

कलेक्टर डोमन सिंह के मार्गदर्शन में योजना के सुचारू रूप से संचालन हेतु निरंतर कृषक प्रशिक्षण, संगोष्ठी, किसान मेला, गौठान मेला का आयोजन किया जा रहा है। सुराजी गांव योजना के तहत जिले के 26 नवीन सक्रिय गौठानों को रखरखाव, संधारण एवं प्रोत्साहन के लिए 40 हजार रूपए प्रति गौठान, कुल राशि 10 लाख 40 हजार रूपए का भुगतान गौठान समितियों को किया गया है। गोधन न्याय योजना ग्रामीण एवं शहरी पशुपालकों के आय और रोजगार सृजन का लाभकारी साधन बन गया है।

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