पीडीएस में चावल सहित राशन सामग्री की गड़बड़ी पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने साधा निशाना, प्रधानमंत्री आवास पर भी मुख्यमंत्री बघेल द्वारा दिए जा रहे और शासकीय आंकड़ों में बताया अंतर

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छत्तीसगढ़ के गरीबों का चावल, नमक, शक्कर और गुड़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के राशन दुकानों में हो रहे घोटालों के पारदर्शिता पर आज विधानसभा में स्थगन प्रस्ताव के दौरान सवाल उठाए और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार पर तीखा प्रहार किया। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री आवास में भूपेश बघेल की सरकार द्वारा किये जा रहे छल पर कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार झूठी जानकारी दे रहे हैं, शहरी आवास और ग्रामीण आवास को एक साथ बता रहे हैं। 19-20 और 20- 21 विधानसभा में दिए जानकारी के अनुसार एक भी आवास नहीं बन पाया है। इसका मतलब यह है कि ग्रामीणों के आवास के लिए 2011 के सूची के अनुसार गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने स्वीकृति दी थी, उस आधार पर इन्हें 40% पैसा राजस्व के रूप में जमा करना था, वह पैसा जमा करने में असफल हुए इसलिए 16 लाख से अधिक आवास से गरीब वंचित रह गए। इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भूपेश बघेल को दोषी बताया है।

गरीबों के राशन में 600 करोड़ की गड़बड़ी को 149 करोड़ का बता रही है सरकार, उसमें भी वसूली लगभग न के बराबर है   – डॉ रमन सिंह

इसके साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने पीडीएस के मामले पर कहा कि जब प्रदेश में हमारी सरकार थी तब पीडीएस में पारदर्शिता दिखाई और सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कमेंट भी किया कि जो पारदर्शिता सिस्टम छत्तीसगढ़ में है, वह सबसे बेहतर है और यहाँ आदर्श तरीके से डिस्ट्रीब्यूशन होता है और इसकी जानकारी पब्लिक डोमेन या किसी भी वेबसाइट से ली जा सकती हैं।

उन्होंने आगे कहा कि इसके साथ ही दिसंबर 2021 में इस सरकार ने वेबसाइट को ही बंद कर दिया और गड़बड़ी की शुरुआत यहीं से हुई, आज खाद्य मंत्री ने स्वीकार किया कि 149 करोड़ का घोटाला हुआ है। मगर इन्होंने जो कार्यवाही की अब तक उसमें मात्र 4 करोड़ रुपए की वसूली हुई है।

अधिकारी वर्ग आज शासन के इस घोटाले से अलग खड़ा हो गया है.

उन्होंने आगे कहा कि आज सरकार एक तरफ और अधिकारी एक तरफ है, अधिकारी संघ ने प्रेस रिलीज जारी करके यह जानकारी दी है कि वह हमेशा हर महीने राशन दुकानों के सामग्री का विवरण, पत्रक और डायरेक्टरेट को लगातार जानकारी देते रहे। डायरेक्टरेट की जानकारी में चावल के गड़बड़ी पहले दिन से ही पता थी, लेकिन कार्यवाही नहीं की गई। छत्तीसगढ़ के गरीबों का चावल, नमक, शक्कर और गुड़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है।

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