मंडी बोर्ड की भूमि का होगा व्यावसायिक दृष्टि से विकास, हर विकासखण्ड के एक गौठान में लगेगी गोबर पेंट की इकाई

Advertisements
Advertisements

मुख्य सचिव द्वारा कृषि एवं सामान्य प्रशासन विभाग के कार्याें की समीक्षा

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

मंडी बोर्ड की भूमि का व्यावसायिक दृष्टि से विकास किया जाएगा। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने मंडी बोर्ड की अनुपयोगी भूमि का व्यावसायिक विकास कर किसान मॉल और किसान सेंटर बनाने के लिए कार्ययोजना बनाकर कार्य करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए हैं। श्री जैन आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं और कार्यक्रमों की समीक्षा कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने समीक्षा बैठक में कहा कि राज्य के प्रत्येक विकासखण्ड में कम से कम एक गौठान में गोबर पेंट निर्माण की इकाई लगायी जाए। इसी तरह से शहरी गौठानों में भी गोबर पेंट निर्माण की यूनिट्स लगायी जाए। उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को आगामी धान खरीदी से पूर्व धान खरीदी केन्द्रों में अधिक से अधिक चबूतरा निर्माण करने, किसानों को धान के बदले अन्य नकद फसलों के लिए प्रोत्साहित करने, मिलेट्स फसलों को बढ़ावा देने के लिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में फसल प्रदर्शन कार्यक्रम और प्रमाणित बीज वितरण करने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, विशेष सचिव नगरीय प्रशासन एवं नरवा,गरवा, घुरूवा, बाऱी कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अयाज भाई तम्बोली सहित कृषि विभाग एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अन्य अधिकारी शामिल हुए।

बैठक में लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत सभी प्रकरणों को समय-सीमा में निराकृत करने के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए। इसके लिए कमिश्नर को लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए। बैठक में अविवादित नामांतरण एवं बटवारे, जाति एवं निवास प्रमाण पत्र और नगरीय निकायों में नल कनेक्शन प्रदाय करने के प्रकरणों की विस्तार से समीक्षा की गई। इसी तरह से स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत चिकित्साकर्मियों के रिक्त पदों पर भर्ती के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।

कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि गौठानों में प्राकृतिक पेंट उत्पादन के लिए 23 इकाईयों ने काम प्रारंभ कर दिया है। इन इकाईयों द्वारा 55 हजार 884 लीटर से अधिक पेंट का उत्पादन किया जा चुका है और 31 हजार लीटर से ज्यादा पेंट का विक्रय भी हुआ है। इससे करीब 60 लाख रूपए की आमदनी हुई है। नरवा विकास कार्यक्रम के तहत करीब 4662 नरवा का विकास किया जा रहा है। इसके लिए करीब 55 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। राज्य के गौठानों में 29 लाख क्विंटल से अधिक कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा चुका है।

सामुदायिक बाड़ी कार्यक्रम के तहत 4494 बाड़ियों का विकास किया गया है। राज्य पोषित बाड़ी विकास योजना के तहत 20 हजार बाड़ियों का विकास किया जा रहा है। राज्य के किसानों को धान के बदले अन्य नकद फसलें लेने को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को मक्का, दलहन, तिलहन एवं साग-सब्जी की खेती करने, गेहंू, रागी, मक्का, चना एवं गन्ने की फसलों को लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। किसानों को अच्छे किस्म के बीज उपलब्ध कराएं जा रहे हैं, जिससे धान के बदले अन्य फसलों की खेती का रकबा प्रतिवर्ष बढ़ रहा है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 23 लाख से अधिक किसानों को अब तक 18570 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में अंतरित कर दी गई है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!