साढ़े 7 करोड़ में 7 नहीं, 2.85 करोड़ में खरीदी गई 5 मशीनें, सड़कों की जांच एवं रिसर्च के लिए खरीदी गई डिफ्लेक्टोमीटर मशीन, आसान हुई सड़कों की जांच

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सड़कों में लोड देकर की जाती है गुणवत्ता परीक्षण

दो बरस में की गई 12 सड़कों की 109 किमी लम्बी सड़कों की जांच

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, बिलासपुर

पीएमजीएसवाई सड़कों की गुणवत्ता जांच एवं रिसर्च कार्य में अत्याधुनिक डिफ्लेक्टोमीटर मशीन के जरिए काफी मदद मिल रही है। बिलासपुर सहित छत्तीसगढ़ की सभी पांच संभागों में सरकार द्वारा इस तरह की पांच मशीनें मुहैया कराई गई है। प्रत्येक मशीन की कीमत 56 लाख 90 हजार रूपये की है। इस प्रकार 2 करोड़ 85 लाख की लागत से आई 5 मशीनों से प्रदेश में सड़क जांच का काम अब काफी सुगम हो गया है। मशीन खरीदने के लगभग दो वर्ष में अकेले बिलासपुर जिले में 12 सड़कों की जांच की गई। इन सड़कों की 109 किलोमीटर लम्बाई के कई स्थानों पर जांच कर सड़कों की लोड क्षमता एवं भविष्य में सुधार संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत किये गये हैं। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत ग्रामीण सड़क नेटवर्क प्रबंधन इकाई की ईई अंजू सिंह चंदेल ने इन मशीनों की उपयोगिता को लेकर कतिपय मीडिया संस्थान द्वारा सवाल उठाये जाने पर स्पष्टीकरण जारी किये हैं।

कार्यपालन अभियंता सुश्री अंजू सिंह ने बताया कि इण्डियन रोड कांग्रेस की गाईड लाईन एवं मानकों के अनुरूप इन अत्याधुनिक मशीनों की खरीदी नियमानुसार की गई है। ग्लोबल टेण्डर के जरिए इनकी खरीदी की गई है। प्रत्येक मशीन की लागत 56 लाख 90 हजार रूपये है। इस प्रकार प्रकार पांचों संभाग के लिए आई डिफ्लेक्टोमीटर मशीन की लागत 2 करोड़ 85 लाख रूपय की है। जबकि प्रकाशित खबर में 7 मशीनों की खरीदी साढ़े 7 करोड़ रूपये बताई गई है। बिलासपुर जिले को 7 जनवरी 2021 को मशीन प्राप्त हुई। इसके बाद 24 जनवरी को मशीन का पहला उपयोग शुरू किया गया। मशीन युक्त वाहन अब तक 2700 किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी है। इस दौरान 12 सड़कों में जांच का काम पूर्ण कर लिया गया है। एनआईटी रायपुर द्वारा भी तीन दफा इन मशीनों का इस्तेमाल सड़क परीक्षण के लिए किया गया है। मशीन के माध्यम से सड़कों में अलग अलग क्षमता के लोड देकर उनके डिफ्लेक्शन को रिकार्ड किया जाता है। मशीन से 2,4,6,8 टन अथवा इससे ज्यादा क्षमता का लोड दिया जा सकता है। पीएमजीएसवाई सड़कों सहित सभी तरह की सड़कों की लोड क्षमता की जांच के लिए यह मशीन सक्षम है। मशीन के संचालन के लिए विभाग के सब इंजीनियर श्री प्रशांत सिंह चौहान को प्रशिक्षित किया गया है। जरूरत के अनुसार वाहन चालक का इंतजाम विभाग द्वारा किया जाता है।

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