समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,
रायपुर,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में आज यहां उनके निवास कार्यालय में गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की तकनीकी हस्तांतरण के लिए एमओयू हुआ। यह एमओयू छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग और नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म ,लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के मध्य हुआ।
प्रथम चरण में राज्य के 75 चयनित गौठान में प्राकृतिक पेंट निर्माण की इकाई स्थापित की जाएगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए महिला स्व सहायता समूह की सदस्य महिलाओं एवं युवाओं को कौशल प्रशिक्षण भी नेशनल पेपर इंस्टिट्यूट जयपुर द्वारा दिया जाएगा ।
इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, गौ सेवा आयोग के सदस्यगण, मुख्यमंत्री के अपर सचिव सुब्रत साहू, वित्त सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, बद्री लाल मीणा राज्य निदेशक केवीआईसी , डॉ अजय कुमार सिंह संचालक खादी एंड विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन भारत सरकार, श्री ओम प्रकाश उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी मध्य क्षेत्र खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग भारत सरकार, गोधन न्याय योजना मिशन के राज्य नोडल अधिकारी डॉ एस भारती दासन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक किसानों, ग्रामीणों सहित गौठान समितियों ,महिला स्व -सहायता समूहों को 2 करोड़ 35 लाख रुपए की राशि ऑनलाइन जारी की।
यहां यह उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से प्राकृतिक पेंट (रंग) का निर्माण किए जाने की योजना है। इसका उद्देश्य केमिकल पेंट के स्थान पर लोगों को कम कीमत में प्राकृतिक पेंट की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही गौठानों और महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना तथा गांवों में युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराना है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गोधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गांवों में गौठानों का निर्माण कराया गया है। गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है, जिससे वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण करने के साथ ही महिला समूह गोबर से अन्य उत्पाद तैयार कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में गोबर से विद्युत उत्पादन की परियोजना की भी शुरूआत हो चुकी है। अब गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर प्राकृतिक पेंट के निर्माण की विस्तृत कार्ययोजना कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई है। प्रथम चरण में राज्य के 75 गौठानों का भी चयन प्राकृतिक पेंट के निर्माण की इकाई की स्थापना के लिए किया गया है। चयनित गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण सह कार्बोक्सी मिथाईल सेल्यूलोज निर्माण की इकाई की स्थापना की जाएगी। प्राकृतिक पेंट निर्माण की तकनीक कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टिट्यूट जयपुर, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा विकसित की गई है। प्राकृतिक पेंट का मुख्य घटक कार्बोक्सी मिथाईल सेल्यूलोज (सीएमसी) होता है। 100 किलो गोबर से लगभग 10 किलो सूखा सीएमसी बनता है। प्राकृतिक पेंट की मात्रा में 30 प्रतिशत भाग सीएमसी का होता है। 500 लीटर प्राकृतिक पेंट बनाने हेतु लगभग 30 किलो सूखा सीएमसी की जरूरत होती है। गौठानों में प्राकृतिक पेंट निर्माण के लिए स्व-सहायता समूहों की महिलाओं, कुशल श्रमिकों एवं युवाओं को कुमाराप्पा नेशनल पेपर इंस्टीट्यूट जयपुर द्वारा प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा।