कांग्रेस राज में फिर से भूख से हुई मौत, भाजपा जांच दल ने प्रेसवार्ता कर जशपुर जिला में कोरवा परिवार सामूहिक आत्महत्या प्रकरण की जांच रिपोर्ट की प्रस्तुत

Advertisements
Advertisements

कांग्रेस राज में छत्तीसगढ़ 20 साल पीछे हुआ लोग भूख से आत्महत्या करने को मजबूर :नारायण चंदेल

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल, वरिष्ठ भाजपा नेता राम विचार नेताम, सरगुजा संभाग प्रभारी संजय श्रीवास्तव ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए बताया

रिपोर्ट : छत्तीसगढ़ भाजपा तथ्यान्वेषण समिति की रिपोर्ट

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश के जशपुर जिले में महामहिम राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र के रूप में जाने जाते पहाड़ी कोरवा जनजाति परिवार द्वारा  सामूहिक आत्महत्या की ह्रदय विदाराक घटना पर प्रदेश भाजपा द्वारा तथ्यान्वेषण समिति बनायी गयी थी। इस समिति के सदस्य के रूप में हम सबने उस गांव का दौरा किया और पाया कि यह सामूहिक आत्महत्या भूख और गरीबी के कारण हुई है।

संबंधित विवरण :

ग्राम पंचायात सामरबार, गांव झुमरीडुमर

ब्लॉक – बगीचा, जिला जशपुर, छ.ग.

घटना दिनांक 02 अप्रैल, 2023 को हुई.

मृतक परिवार के सदस्य :-

राजू राम/बुधु 30 वर्ष,

भिनसारी बाई/ राजू राम 25 वर्ष,

लड़की देवंती 3 वर्ष,

लड़का देवन राम 1.5 वर्ष

जांच दल द्वारा कल दिनांक 07 अप्रैल, 2023 को उस गांव में पहुंच कर निम्नलिखित महत्वपूर्ण तथ्य एकत्र किये गए जिससे इस निष्कर्ष तक पहुंचना संभव हुआ कि परिवार भूख एवं गरीबी से बदहाल था। उन्हें किसी शासकीय योजना का भी लाभ लम्बे समय से नहीं मिल पा रहा था. 

प्रमुख तथ्य :-

–              मृतक के माता-पिता की मृत्यु पहले ही हो गई है। पिता की हत्या हुई थी।

–              मृतक के बड़े पिता जी जीवित है जिनका नाम बुधई है।

–              मृतक के छोटे भाई का नाम देवकुमार।

–              2016-17 में निर्मित प्रधानमंत्री आवास में मृतक परिवार निवासरत थे।

–              वहां खेती-किसानी में उपज अत्यंत कम है। छोटे भाई के यहां कुल मात्र 20-22 किलो मक्के की फसल हुई है।

–              मृतक परिवार ग्राम बैगाकोंना महुआ बेचने जाते थे।

–              गांव में 35 पहाड़ी कोरवा जनजाति एवं 05 भुईहार जाति के परिवार निवासरत है। गांव से लगभग 1 कि.मी. दूर स्थित एक मात्र हैण्डपम्प से गांव के पीने की पानी की व्यवस्था होती है।

–              शासन की ओर से परिवार के हित संरक्षण हेतु कोई घोषणा नहीं की गई है। ग्राम पंचायत द्वारा थोड़ी-बहुत सहायता की गयी है जिससे किसी तरह फिलहाल बचे सदस्यों का आजीवन-यापन हो पा रहा है.

–              मृतक परिवार का जॉब कार्ड नहीं बना था। फौती भी नहीं चढ़ी है।

शासन की विफलता से जुड़े तथ्य

–              गांव में केन्द्र शासन की योजना अंतर्गत आबंटित किये जाने वाले 5 किलो अतिरिक्त चावल का आबंटन माह फरवरी के बाद नहीं हुआ।

–              सामरबार ग्राम पंचायत मूलभूत सुविधाओं से भी अछूता है। गांव में जल जीवन मिशन कार्य अधूरा पड़ा है। गांव के लिए सड़क ही नहीं है। जंगल के पगडंडी मार्ग का उपयोग ग्रामीणों द्वारा किया जा रहा है।

–              ग्रामीणों को राशन के लिए 10 किमी. दूर जंगल मार्ग से होकर बिना किसी साधन के जाना पड़ता है।

–              बच्चों को भी शासकीय स्कूल में पढ़ने के लिए पहाड़ी चढ़कर 10 किमी. दूर पढ़ने जाना पड़ता है।

–              बहोरा निवासी जयनाथ राम बैगा जो कि कोरवा जनजाति के संरक्षक भी है, उन्होंने बताया कि गांव में स्थित शासकीय आश्रम शाला में केवल पांचवीं तक की शिक्षा की व्यवस्था है। यहां पदस्थ शिक्षक शराब पीकर आते हैं। श्री बैगा ने यह भी कहा कि कोरवा जनजाति के विकास के लिए प्रदेश शासन द्वारा उचित प्रयास एवं व्यवस्था नहीं की जा रही है।

–              आश्रम शाला को उन्नयित कर हाई एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल तक की शिक्षा की व्यवस्था की जानी चाहिए।

–              गांव में निवासरत पहाड़ी कोरवा जनजातियों के अभी तक जाति प्रमाण पत्र नहीं बनाये गये हैं।

–              केवल सामरबार गांव ही नहीं बल्कि पूरा बगीचा ब्लॉक विकास कार्य में पिछड़ा हुआ है, यहां के 137 गांवो में से 114 गांवो में सड़क ही नहीं है।

–              पहाड़ी कोरवा जनजाति माननीय राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाते हैं किन्तु शासन की ओर से उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करायी जा रही है।

मित्रों,

काफी मुश्किलों का सामना कर भाजपा का जांच दल उस गांव तक पहुंच पाया। बात चाहे आवास की हो या स्वच्छ जल और अन्य सुविधाओं की, तमाम मूलभूत सुविधाओं से यह और ऐसे तमाम गांव वंचित हैं। कांग्रेस सरकार ने स्वयं तो कुछ किया नहीं, भाजपा सरकार के समय जो-जो सुविधाएं थी उसे भी बंद कर दिया। मोदी जी एके सरकार द्वारा दिए गए आवास, स्वच्छ जल, अतिरिक्त चावल आदि तमाम योजनाओं से इन्हें वंचित रखा गया है। रोजी-रोजगार का कोई साधन नहीं है। भूपेश सरकार ने इन्हें भी प्रदेश के 16 लाख निवासियों की तरह आवास से वंचित रखा है। राजू राम जी का परिवार भी उन लाखों छत्तीसगढ़ियों में शामिल था, जिनके सर से छत भूपेश सरकार ने छीन लिया है।

आत्महत्या का यह कोई पहला मामला भी नहीं है। कांग्रेस के शासन में अभी तक 26 हजार से अधिक लोगों ने आत्महत्या की है, यह प्रदेश सरकार के ही आंकड़े हैं, जिसे दर्ज किये गए हैं। इसके अलावा श्री रामविचार नेताम के ही राज्यसभा सदस्य के रूप में पूछे सवाल के जवाब में यह सामने आया था कि कांग्रेस के तीन वर्ष के शासन के बाद ही आदिवासी क्षेत्रों के 25 हजार 168 बच्चे पोषण और चिकित्सा के अभाव में दिवंगत हुए हैं। प्रदेश निर्माण से पहले जैसे हालात कांग्रेस ने इन क्षेत्रों का कर के रखा था, जहां आंत्रशोध एवं अन्य बीमारियों, कुपोषण से आदिवासियों की मौत होती थी, फिर से छत्तीसगढ़ उसी अंधे युग में वापस चला गया है। दुखद यह है कि ऐसी घटनाओं से शर्मसार होने के बदले मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कांग्रेस ऐसे मुद्दों पर भी घटिया राजनीति करने से बाज नहीं आ रही है।

घटना के मात्र दो दिनों के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जशपुर जिले के दौरे पर गए थे। उनके संवेदनहीनता की पराकाष्ठा देखिये कि अपना हेलीकाप्टर उन्होंने उस पीड़ित के गांव में उतारने की जहमत नहीं उठायी, संवेदना के दो शब्द भी नहीं कहे बघेल जी ने, न ही उन्होंने राहत आदि की कोई घोषणा की।  उत्तर प्रदेश में वोटों की लिप्सा के कारण छत्तीसगढ़ के जनता की कमाई 50-50 लाख रुपया मृतक के मान से लुटाने वाले भूपेश जी के पास अपने लोगों, आदिवासियों के लिए कुछ नहीं है।

हम शासन से यह मांग करते हैं कि :-

–              मृतक परिवार के लिए तत्काल राहत राशि की घोषणा करे.

–              शासकीय अक्षमताओं के कारण पोषण और चिकित्सा के अभाव में मृत आदिवासी क्षेत्रों के 25 हजार से अधिक बच्चों के परिवार को पर्याप्त मुआवजा की घोषणा करे.

–              प्रदेश में भोजन और इलाज के अभाव में किसी भी व्यक्ति को जान नहीं देनी पड़े, यह सुनिश्चित करे.

प्रेस वार्ता में भाजपा प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल,प्रदेश प्रवक्ता अमित साहू माजूद रहे।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!