प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय रोजगार मेले को किया संबोधित : विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों के नवनियुक्त कर्मियों को लगभग 71,000नियुक्ति पत्र वितरित किए

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आज भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है”

आज का नया भारत, उन नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने नयी संभावनाओं के द्वार खोले हैं”

“2014के बाद भारत ने एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जो पहले के समय के प्रतिक्रिया आधारित दृष्टिकोण के विपरीत है”

“21वीं सदी का तीसरा दशक भारत में रोजगार और स्वरोजगार के ऐसे अवसर देख रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी”

आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और दृष्टिकोण स्वदेशी अपनाने और स्थानीय उत्पाद पर जोर (‘वोकल फॉर लोकल’) देने से भी आगे की बात है, आत्मनिर्भर भारत अभियान गांवों से शहरों तक रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने का अभियान है

जब सड़कें गांवों तक पहुंचती हैं, तो इससे पूरे इकोसिस्टम में तेजी से रोजगार के अवसरों का सृजन होता है”

एक सरकारी कर्मचारी के रूप में आपको उन बातों को हमेशा याद रखना चाहिए, जो आप एक सामान्य नागरिक के रूप में महसूस करते थे”

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीमती रेणुका सिंह एवं रायपुर में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रह्लाद पटेल ने रोजगार मेला में 487 अभ्यर्थियों को प्रत्यक्ष रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में कुल 2107 अभ्यर्थियों को प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया ।

रेलवे के अतिरिक्त डाक, बैंकिंग, गृहमंत्रालय, उच्च शिक्षा विभाग आदि विभागों के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया ।

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, बिलासपुर

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय रोजगार मेले को संबोधित किया। उन्होंने विभिन्न सरकारी विभागों और संगठनों में नवनियुक्त कर्मियों को लगभग 71,000 नियुक्ति पत्र वितरित किए। देश भर से चुने गए नवनियुक्त कर्मियों को भारत सरकार के तहत ट्रेन मैनेजर, स्टेशन मास्टर, वरिष्ठ वाणिज्यिक लिपिक सह टिकट लिपिक, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, कांस्टेबल, स्टेनोग्राफर, कनिष्ठ लेखापाल, डाक सहायक, इनकम टैक्स इंस्पेक्टर, टैक्स सहायक, सीनियर ड्राफ्ट्समैन, जेई / सुपरवाइजर, सहायक प्रोफेसर, शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष, नर्स, परिवीक्षा अधिकारी, पीए, एमटीएस और अन्य जैसे पदों पर कार्य करने के लिए शामिल किया जाएगा। नवनियुक्त कर्मियों को ‘कर्मयोगी प्रारंभ’ के माध्यम से स्वयं को प्रशिक्षित करने का अवसर भी मिलेगा, जो विभिन्न सरकारी विभागों में सभी नवनियुक्त कर्मियों के लिए एक ऑनलाइन उन्मुखीकरण पाठ्यक्रम है। प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान 45 स्थानों को रोजगार मेले से जोड़ा गया। इसमें छतीसगढ़ के बिलासपुर एवं रायपुर भी सम्मिलित थे ।

सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने बैसाखी के शुभ अवसर पर देश को बधाई दी। उन्होंने नियुक्ति पत्र मिलने पर अभ्यर्थियों व उनके परिजनों को शुभकामनाएं दीं।प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार, एक विकसित भारत के संकल्प की प्राप्ति के लिए युवाओं की प्रतिभा और ऊर्जा को सही अवसर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एनडीए शासित राज्यों में, गुजरात से लेकर असम और उत्तर प्रदेश से लेकर महाराष्ट्र तक, सरकारी भर्ती की प्रक्रिया तेज गति से चल रही है। उन्होंने कहा कि कल ही मध्य प्रदेश में 22,000 से अधिक शिक्षकों को भर्ती पत्र सौंपे गए हैं। “यह रोज़गार मेला देश के युवाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”

यह देखते हुए कि भारत, विश्व की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदी और महामारी की वैश्विक चुनौतियों के बीच दुनिया भारत को एक उज्ज्वल स्थान के रूप में देख रही है। उन्होंने कहा, “आज का नया भारत उन नीतियों और रणनीतियों के साथ आगे बढ़ रहा है, जिन्होंने नई संभावनाओं के द्वार खोले हैं।” उन्होंने कहा कि 2014 के बाद भारत ने एक सक्रिय दृष्टिकोण अपनाया है, जो पहले के समय के प्रतिक्रिया आधारित दृष्टिकोण के विपरीत है। “इसका परिणाम यह हुआ है कि 21वीं सदी का यह तीसरा दशक रोज़गार और स्व-रोज़गार के उन अवसरों का गवाह बन रहा है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। युवाओं को काम करने के ऐसे क्षेत्र मिल रहे हैं, जो दस साल पहले अस्तित्व में ही नहीं थे।“ स्टार्टअप्स और भारतीय युवाओं के उत्साह का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने एक रिपोर्ट का उल्लेख किया जिसमें कहा गया था कि स्टार्टअप्स ने रोजगार के 40 लाख से अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष अवसर सृजित किए हैं। उन्होंने रोजगार के नए अवसरों के रूप में ड्रोन और खेल क्षेत्र का भी उल्लेख किया।

प्रधानमंत्री ने कहा, “आत्मनिर्भर भारत अभियान की सोच और दृष्टिकोण स्वदेशी अपनाने और स्थानीय उत्पाद पर जोर (‘वोकल फॉर लोकल’) देने से भी आगे की बात है। आत्मनिर्भर भारत अभियान गांवों से शहरों तक रोजगार के करोड़ों अवसर पैदा करने का अभियान है। उन्होंने स्वदेशी रूप से निर्मित आधुनिक उपग्रहों और अर्ध-उच्च-गति की ट्रेनों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि पिछले 8-9 वर्षों में भारत में 30000 से अधिक एलएचबी कोच का निर्माण किया गया है। इन कोचों के लिए प्रौद्योगिकी और कच्चे माल की जरूरत ने भारत में रोजगार के हजारों अवसर सृजित किए हैं।

भारत के खिलौना उद्योग का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत के बच्चे दशकों से केवल आयातित खिलौनों के साथ खेलते रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि खिलौने न तो अच्छी गुणवत्ता के थे और न ही उन्हें भारतीय बच्चों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने आयातित खिलौनों की गुणवत्ता के मानदंड तय किए और स्वदेशी खिलौना उद्योग को भी बढ़ावा देना शुरू किया। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि इसके परिणामस्वरूप, भारत में खिलौना उद्योग का परिदृश्य पूरी तरह से बदल गया है और इसने रोजगार के अवसरों को पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

दशकों से प्रचलित इस पुरानी मानसिकता का खंडन करते हुए कि भारत में रक्षा उपकरण केवल आयात ही किए जा सकते हैं, प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने स्वदेशी निर्माताओं पर भरोसा करके इस दृष्टिकोण को बदल दिया है। इसके परिणामस्वरूप सशस्त्र बलों ने 300 से अधिक ऐसे उपकरणों और हथियारों की एक सूची बनाई है जिनका निर्माण केवल भारत में ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 15,000 करोड़ रुपये मूल्य के रक्षा उपकरणों का निर्यात दुनिया भर में किया जा रहा है।

श्री मोदी ने पिछले कुछ वर्षों के दौरान मोबाइल फोन के निर्माण के क्षेत्र में हुई प्रगति का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि स्थानीय मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देकर और उसके लिए प्रोत्साहन देकर भारत ने काफी मात्रा में विदेशी मुद्रा की बचत की है क्योंकि भारत अब स्थानीय मांग को पूरा करने के साथ-साथ मोबाइल हैंडसेट का निर्यात भी कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने रोजगार सृजन के मामले में बुनियादी ढांचे में निवेश की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय पर जोर दिए जाने के कारण सड़क, रेलवे, बंदरगाह और भवन जैसे बुनियादी ढांचे का निर्माण हो रहा है। बुनियादी ढांचा क्षेत्र की रोजगार क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, प्रधानमंत्री ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान पूंजीगत व्यय में चार गुना बढ़ोतरी हुई है।

वर्ष 2014 से पहले और बाद के घटनाक्रमों का उदाहरण देते हुए, प्रधानमंत्री ने भारतीय रेलवे का उल्लेख किया और यह बताया कि 2014 से पहले के सात दशकों के दौरान जहां केवल 20,000 किलोमीटर रेल लाइनों का ही विद्युतीकरण हुआ था, वहीं पिछले 9 सालों के दौरान 40,000 किलोमीटर रेल लाइनों का विद्युतीकरण किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मेट्रो रेल लाइन बिछाने का काम 2014 से पहले 600 मीटर प्रति माह था जो आज बढ़कर 6 किलोमीटर प्रति माह हो गया है। उन्होंने आगे कहा कि 2014 से पहले गैस नेटवर्क देश के 70 से कम जिलों तक ही सीमित था, लेकिन आज यह नेटवर्क 630 जिलों तक पहुंच गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की लंबाई के बारे में बोलते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 के बाद इसमें 4 लाख किलोमीटर से 7 लाख किलोमीटर की वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा, “जब गांवों तक सड़कें पहुंचती हैं, तो इससे पूरे इकोसिस्टम में तेजी से रोजगार का सृजन होता है।”

विमानन क्षेत्र के बारे में बोलते हुए, श्री मोदी ने बताया कि 2014 में हवाई अड्डों की संख्या सिर्फ 74 थी जो आज बढ़कर 148 हो गई है। उन्होंने हवाई अड्डे के संचालन में निहित रोजगार सृजन की क्षमता की ओर भी ध्यान दिलाया। उन्होंने एयर इंडिया द्वारा विमानों के लिए रिकॉर्ड ऑर्डर दिए जाने और कुछ अन्य कंपनियों की इसी तरह की योजनाओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पोर्ट सेक्टर में भी इसी तरह की प्रगति देखी जा रही है क्योंकि कार्गो हैंडलिंग की क्षमता पहले की तुलना में दोगुनी हो गई है और इसमें लगने वाला समय आधा हो गया है। इस प्रकार के विकास से बड़ी संख्या में रोजगार सृजित हो रहे हैं।

स्वास्थ्य क्षेत्र के बारे में बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले जहां देश में 400 से कम मेडिकल कॉलेज थे, वहीं आज 660 मेडिकल कॉलेज हैं। इसी तरह, 2014 में स्नातक स्तर की मेडिकल सीटों की संख्या 50 हजार थी जो आज बढ़कर एक लाख से अधिक हो गई हैं और आज स्नातक होने वाले डॉक्टरों की संख्या दोगुनी से भी अधिक हो गई है।

इस अवसर पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर के नार्थ ईस्ट इंस्टीट्यूट में आयोजित कार्यक्रम में श्रीमती रेणुका सिंह, माननीय राज्यमंत्री, जनजातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थी । श्री अरुण साव, माननीय सांसद, बिलासपुर तथा श्री धरम लाल कौशिक, माननीय विधायक बिल्हा की गरिमामयी उपस्थिती इस कार्यक्रम में रही । कुल 256 नवनियुक्त अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रत्यक्ष रूप से प्रदान किया गया ।

इसी प्रकार रायपुर रेल मण्डल के कम्यूनिटी हाल में आयोजित कार्यक्रम श्री प्रह्लाद पटेल, माननीय राज्यमंत्री, जलशक्ति  एवं खाद्य प्रसंस्करण के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर श्री सुनील कुमार सोनी, माननीय सांसद, रायपुर भी उपस्थित थे ।  कुल 211 नवनियुक्त अभ्यर्थियों को इस समारोह में नियुक्ति पत्र प्रत्यक्ष रूप से प्रदान किया गया ।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के कुल 2107 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया । श्रीमती रेणुका सिंह, माननीय राज्यमंत्री, जन जातीय कार्य मंत्रालय, भारत सरकार ने इस अवसर पर नव नियुक्त कर्मियों को संबोधित करते हुए, माननीय प्रधान मंत्री को रोजगार मेला शुभारंभ करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि इस योजना से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के बेहतर संभावनाओं के साथ ही देश सेवा का अवसर मिलेगा। उन्होंने नव नियुक्त कर्मियों को संपूर्ण समर्पण के साथ देश की सेवा करने के लिए प्रोत्साहित किया। अरुण साव, सांसद बिलासपुर ने भी सभी नवनियुक्त कर्मियों को बधाई दिया तथा जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम में आलोक कुमार, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, प्रवीण पाण्डेय, मंडल रेल प्रबंधक, बिलासपुर तथा मुख्य कार्मिक अधिकारी (प्रशासन) श्री राजेंद्र कुमार अग्रवाल की मंच पर गरिमामयी उपस्थिति रही। जब कि रायपुर में मंडल रेल प्रबंधक श्री संजीव कुमार सहित अन्य केंद्रीय विभागो के अधिकारी उपस्थित थे। समारोह में केंद्रीय विभागो के अधिकारी के साथ पब्लिक सेक्टर यूनिट्स के अधिकारी भी उपस्थित थे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारीगण सहित बड़ी संख्या में दर्शक एवम श्रोता उपस्थित थे।

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