मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक संपन्न लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय….जाने कौन से लिए गए निर्णय
November 22, 2021समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए:-
आम जनता के हित में बड़ा फैसला लेते हुए मंत्रिपरिषद की बैठक में पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती का निर्णय लिया गया। जिसके तहत डीजल में वेट पर दो प्रतिशत और पेट्रोल में वेट पर एक प्रतिशत कमी करने का निर्णय लिया गया। इससे राज्य सरकार को करीब एक हजार करोड़ रूपए की राजस्व की हानि होगी।
शिक्षाकर्मियों को बड़ी राहत देते हुए मंत्रिपरिषद की बैठक में शिक्षक संवर्ग में पदोन्नति के प्रावधान को शिथिल किया गया। जिसके तहत प्रधान पाठक प्राथमिक शाला, शिक्षक एवं व्याख्याता के पदों पर पदोन्नति के लिए विभागीय भर्ती नियमों में प्रावधानित 5 वर्ष के अनुभव को एक बार के लिए शिथिल करते हुए 3 वर्ष के अनुभव के आधार पर पदोन्नति देने का निर्णय लिया गया। संविलियन हुए शिक्षाकर्मियों को जहां उनकी सेवा अवधि का लाभ मिलने से वे पदोन्नत हो सकेंगे वहीं बच्चों को उनके शिक्षकीय अनुभव का लाभ मिलेगा।
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत राज्य के शासकीय एवं निजी विद्यालयों की कक्षाएं संपूर्ण कोविड-19 प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए पूर्ण उपस्थिति के साथ नियमित रूप से संचालित करने का निर्णय लिया गया।
समर्थन मूल्य पर धान एवं मक्का के उपार्जन तथा कस्टम मिलिंग के लिए मंत्रि-मंडलीय उप समिति द्वारा प्रस्तुत संशोधनों और नवीन अनुशंसाओं के साथ विगत खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 की धान एवं मक्का उपार्जन तथा कस्टम मिलिंग नीति को खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में लागू करने का निर्णय लिया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में छ.ग. राज्य सहकारी विपणन संघ मर्या. को धान उपार्जन एवं कस्टम मिलिंग के लिए खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में प्रदत्त 14,700 करोड़ की शासकीय प्रत्याभूति का 31 अक्टूबर 2022 पुनर्वैधीकरण करने का निर्णय लिया गया।
धान उपार्जन वर्ष 2020-21 में सहकारी समितियों को धान उपार्जन में हुए नुकसान से बचाने के लिए उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने हेतु एकमुश्त क्षतिपूर्ति सहायता राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में उपार्जित धान में से सरप्लस (अतिशेष) धान की नीलामी के माध्यम से निराकरण हेतु मंत्रि-मण्डलीय उप समिति की बैठक में लिए गए निर्णय का अनुसमर्थन किया गया।
खरीफ विपणन वर्ष 2019-20 में कस्टम मिलिंग अनुबंध की बचत धान की मात्रा का निरस्तीकरण एवं उस पर प्रस्तावित पेनाल्टी को माफ करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों, दंत चिकित्सा महाविद्यालय, नर्सिंग महाविद्यालय एवं फिजियोथेरैपी महाविद्यालय में प्राध्यापक एवं सह प्राध्यापक के पदों को लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती से भरे जाने एवं पदोन्नति नियमों में एक बार छूट प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसके साथ ही प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में संविदा में कार्यरत शिक्षकों को उनकी सेवा अवधि को आयु सीमा में अधिकतम 10 वर्ष तक की छूट देने तथा उन्हें सेवा के प्रत्येक वर्ष के लिए 2 बोनस अंक भी देेने का निर्णय लिया गया। बोनस अंकों की अधिकत्तम सीमा 10 अंकों तक होगी।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवायें के अंतर्गत चिकित्सा अधिकारी से चिकित्सा विशेषज्ञ के पद पर पदोन्नति के लिए छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण (राजपत्रित) सेवा भर्ती नियम-1988 में निर्धारित अर्हता अनुभव को केवल एक बार के लिए शिथिल करते हुए न्यूनतम अनुभव की अवधि को दो वर्ष करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ पुलिस में सूबेदार, उप निरीक्षक संवर्ग, प्लाटून कमाण्डर चयन परीक्षा वर्ष 2021 के सीधी भर्ती के रिक्त पदों पर अनुसूचित जनजाति वर्ग के पुरूष अभ्यर्थियों के ऊंचाई एवं सीना के माप में दी गई छूट का अनुमोदन किया गया।
ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती के लिए जारी प्रतीक्षा सूची की वैधता अवधि को एक बार के लिए शिथिल करने के निर्णय का अनुमोदन किया गया।
संविधान की 5वीं अनुसूची के अंतर्गत राज्य के अनुसूचित क्षेत्रों में रिक्त तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के लिए भर्ती नियमों में किए गए प्रावधानों की समय-सीमा 31 दिसंबर 2021 से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 तक करने का निर्णय लिया गया।
बस्तर एवं सरगुजा संभाग के अंतर्गत आने वालेे जिलों तथा बिलासपुर संभाग के कोरबा जिले के जिला संवर्ग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के रिक्त पदों की उद्भूत रिक्तियों की भर्ती इन जिलों के स्थानीय निवासियों से करने के लिए गठित विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड की कालावधि 31 दिसंबर 2021 में वृद्धि करते हुए 31 दिसंबर 2023 तक करने का निर्णय लिया गया।
सरगुजा एवं बस्तर संभाग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के संभाग स्तरीय पदों की विद्यमान एवं उद्भूत होने वाली रिक्तियों का चयन इन क्षेत्रों के स्थानीय निवासियों से करने के निर्णय का अनुमोदन किया गया।
न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना, प्रधानमंत्री वन-धन योजना, अन्य योजनाओं के अंतर्गत संग्रहित एवं प्रसंस्कृत वनोपज के व्यापार से हुई हानि की प्रतिपूर्ति तथा लाभांश के वितरण के संबंध में निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ स्टेट इंडस्ट्रीयल डेव्हलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (सीएसआईडीसी) द्वारा औद्योगिक प्रयोजन हेतु आपसी सहमति से निजी भूमि के क्रय नीति में संशोधन का अनुमोदन किया गया।
राज्य की औद्योगिक नीति 2001-06, 2004-09, 2009-14 में विद्युत शुल्क छूट से संबंधित प्रावधानों तथा इस संबंध में विभागों द्वारा जारी अधिसूचनाओं की विसंगतियों के निराकरण का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम (संशोधन) विधेयक-2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम को वित्तीय वर्ष 2021-22 में राष्ट्रीय निगमों से ऋण प्राप्त करने के लिए 38.52 करोड़ रूपए की स्टेट ब्लाॅक गारंटी 31 मार्च 2022 तक ऋण आहरित करने तथा प्रत्याभूति शुल्क माफ किए जाने का निर्णय लिया गया।
जिला बस्तर के दरभा थानांतर्गत झीरम घाटी क्षेत्र में 25 मई 2013 को घटित नक्सली घटना की जांच के लिए दो सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग के गठन का कार्योत्तर अनुमोदन किया गया।
प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान अंतर्गत खरीफ मौसम 2022-23 से दलहन फसल के उपार्जन हेतु प्राईस सपोर्ट स्कीम (पीएसएस) लागू करने का निर्णय लिया गया।
राज्य में हुक्काबार के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही हेतु सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) छत्तीसगढ़ संशोधन विधेयक-2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया।
नगरीय निकायों के द्वारा संपादित किए जाने वाले सार्वजनिक जन उपयोगी कार्य के लिए संबंधित निकाय द्वारा आवेदन किए जाने पर एक रूपए प्रति वर्गफुट के मान से भूमि आबंटित करने का निर्णय लिया गया।
छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पूर्व एवं पश्चात मोटरयानों पर बकाया कर के एकमुश्त निपटान योजना-2020 को पुनः लागू करने का निर्णय लिया गया। एक मुश्त निपटान योजना की अवधि एक सितंबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक होगी।
औद्योगिक एवं आर्थिक मंदी एवं कोविड-19 के संक्रमण के दुष्प्रभाव के कारण स्टील उद्योगों को प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए राज्य शासन द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में ऊर्जा प्रभार में छूट हेतु घोषित विशेष राहत पैकेज की वैधता जो 31 मार्च 2021 को समाप्त हो गई है, को जुलाई 2021 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया।