कोरोना को लेकर राज्य सरकार को गंभीरता दिखाने की जरूरत : नारायण चंदेल

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा है कि प्रदेश के 25 जिलों में पिछले 24 घंटे में हुए परीक्षण के बाद 619 कोरोना संक्रमित मरीजों का मिलना प्रदेश सरकार की विफलता का एक और ताजा उदाहरण है। श्री चंदेल ने कहा कि प्रदेश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के बावजूद राज्य सरकार कोरोना की रोकथाम को लेकर जरा भी गंभीर नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि  कोरोना की पॉजिटिविटी दर 9.37 बढ़ चुकी है, लेकिन प्रदेश सरकार ने अब तक न तो अपने स्वास्थ्य विभाग को सक्रिय करना जरूरी समझा है, और न ही इससे बचाव के लिए जनजागृति के उपायों पर उसका ध्यान जा रहा है। श्री चंदेल ने कहा कि  कि राजधानी में 83 मरीज मिले हैं और मुख्यमंत्री, गृह मंत्री समेत 5-5 मंत्री वाले दुर्ग संभाग के 4 जिलों से 132 मरीज कोरोना संक्रमित मिले हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भी कोरोना संक्रमण से स्थिति भयावह होती जा रही है, लेकिन प्रदेश सरकार इसे लेकर पूरी तरह उदासीनता का परिचय दे रही है। श्री चंदेल ने कहा कि आज प्रदेश में सक्रिय कोरोना संक्रमितों की संख्या 2776 होना  चिंतनीय है। प्रदेश सरकार कोरोना त्रासदी की शुरुआती दूसरी लहर की भयावहता से सबक लेकर चिकित्सकीय इंतजाम करने के प्रति लापरवाह नजर आ रही है।

नेता प्रतिपक्ष श्री चंदेल ने कहा कि केंद्र की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार लगातार कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर सभी राज्यों को सचेत कर रही है, लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस मामले में भी सियासी अदावत का रोल निभा कर प्रधानमंत्री की चिंता की अनदेखी कर रहे हैं। श्री चंदेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले 4 साल से स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं। प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इस दिशा में अपनी ओर से कुछ भी काम नहीं किया, जिससे प्रदेश के जरूरतमंदों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया हो। श्री चंदेल ने कहा कि पहले भी प्रदेश सरकार कोरोना वैक्सीन का विरोध करके अपनी बदनीयती का प्रदर्शन कर चुकी है, और तब भी कोरोना की रोकथाम के लिए इस प्रदेश सरकार ने कोई पुख्ता उपाय व बेहतर इंतजाम नहीं किए थे। श्री चंदेल ने कहा कि अब फिर कोरोना संक्रमण के डरावने आँकड़े सामने आ रहे हैं, तब भी प्रदेश सरकार हाथ-पर-हाथ धरे बैठी है। न तो बाजारों, स्कूलों, सार्वजनिक स्थानों, कार्यक्रमों, समारोहों के लिए गाइडलाइन जारी की है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग रखने, मास्क पहनने सहित इससे बचाव की सभी सावधानियों के लिए लोगों को प्रेरित करने का काम हो रहा है। प्रदेश में कोई विस्फोटक स्थिति बने, हालात बेकाबू हूं राज्य सरकार को उससे पहले समय रहते कोरोना की रोकथाम हेतु कदम उठाने की जरुरत है।

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