गरीबों के चावल खाने के बाद गर्भवती महिलाओ का भोजन भी लूट गई कांग्रेस सरकार : रंजना साहू

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कांग्रेस सरकार बताए गर्भवती महिलाओ का भोजन बंद करके क्या आने वाली पीढ़ी को कुपोषित करना चाहती है:रंजना साहू

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ के 46 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में वर्ष 2019 में बड़े बड़े दावों के साथ गर्भवती महिलाओं के लिए शुरू की गई सुपोषण योजना  सरकारी अंधेरगर्दी का शिकार हो गई है लेकिन विभागीय अधिकारियों के अनुसार पिछली अप्रैल से यह योजना पूरे छत्तीसगढ़ में बंद है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से बचाने के दावे करते रहे और हकीकत यह है कि गर्भवती महिलाओं को एक साल से पोषण आहार मिलना बंद है। इस दौरान कुपोषण के कारण एनीमिया की दर बढ़कर 65 प्रतिशत हो गई। भूपेश बघेल सरकार ने सारे वर्गों को धोखा दिया, गर्भवती महिलाओं तक को नहीं बख्शा। केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ की जनता को भेजा गया अन्न डकारने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जवाब दें कि गर्भवती महिलाओं का पोषण आहार कौन खा रहा है।

महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि शासन के निर्देश पर सुपोषण आहार योजना एक साल से बंद है। शासन के निर्देश पर गर्भवती महिलाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों में बैठाकर सुपोषण आहार खिलाया जाता था। गर्म ताजे पौष्टिक भोजन की थाली में अंडा और केला भी दिया जाता था। विभाग के अधिकारी यह नहीं बता रहे कि योजना क्यों बंद हो गई। वे कहते हैं कि शासन के निर्देश पर पोषण आहार दिया जाता था। शासन के निर्देश पर बंद कर दिया।

इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है कि जिन महिला बाल विकास मंत्री पर गर्भवती महिलाओं को पोषण आहार मिलना सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी है, उन्हें अपने विभाग की जानकारी ही नहीं है। अपने विभागीय अधिकारियों के विपरीत मंत्री अनिला भेड़िया का कहना है कि एक माह से योजना बंद है।

भूपेश बघेल सरकार के मंत्रियों को अपने विभाग की योजनाओं के बारे में जानकारी क्यों नहीं रहती?

छत्तीसगढ़ की भावी संतानों के साथ भूपेश बघेल सरकार घिनौना षड्यंत्र कर रही है। गर्भवती माताएं कुपोषण का शिकार हैं तो उनसे कैसे बच्चों को जन्म देने की उम्मीद की जा सकती है। यह सरकार भावी पीढ़ी को गर्भ में ही मार देना चाहती है। कुपोषित बच्चों के जरिये कुपोषित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना यह सरकार कर रही है।

सवाल यह है कि-

1. छत्तीसगढ़ में सुपोषण योजना के लिए कितनी राशि का वर्षवार आवंटन किया गया?

2. कितनी गर्भवती महिलाओं को कुपोषण से मुक्त किया गया?

3. अचानक योजना बंद क्यों की गई। इसे सार्वजनिक क्यों नहीं किया गया?

4. एक वर्ष से योजना बंद है तो इस मद की राशि कहां गई?

5. योजना बंद करने का कारण क्या है?

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