उर्वरक उपलब्धता पर आयोजित वीडियो कांफ्रेंस में शामिल हुए कृषि मंत्री, केन्द्रीय मंत्री से छत्तीसगढ़ राज्य को रबी सीजन की मांग के अनुरूप उर्वरक आपूर्ति का किया आग्रह
November 23, 2021राज्य को तत्काल दो रेक डीएपी और एक रेक एनपीके उर्वरक उपलब्ध कराने की अपील
केन्द्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ में जैविक खाद के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयासों को सराहा
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,
रायपुर, छत्तीसगढ़ के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय द्वारा राज्यों में उर्वरक की उपलब्धता के संबंध में आयोजित वर्चुअल बैठक में केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया से छत्तीसगढ़ राज्य को रबी सीजन के लिए राज्य की मांग के अनुरूप रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने का आग्रह किया। मंत्री श्री चौबे ने छत्तीसगढ़ में रबी फसलों की तेजी से हो रही बुआई को देखते हुए केन्द्रीय मंत्री से राज्य को नवम्बर माह में डीएपी उर्वरक की दो रेक तथा एनपीके उर्वरक की एक रेक तत्काल उपलब्ध कराने की अपील की। केन्द्रीय मंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य को मांग के अनुरूप रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने छत्तीसगढ़ में जैविक खाद का उत्पादन और इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि कम लागत में बेहतर फसल उत्पादन के लिए यह जरूरी है।
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य में इस साल रबी सीजन में 18 लाख 50 हजार हेक्टेयर में बुआई का लक्ष्य है। रबी फसलों की तेजी से बुआई जारी है। अब तक 4 लाख 78 हजार हेक्टेयर में फसलों की बुआई हो चुकी है। उन्होंने बताया कि राज्य में ग्रीष्मकालीन धान के बदले 2 लाख 54 हजार हेक्टेयर रकबे में दलहनी-तिलहनी, मक्का एवं उद्यानिकी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रबी सीजन के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को 4 लाख 11 हजार मेट्रिक टन उर्वरक की जरूरत है। इसके विरूद्ध अक्टूबर माह में 60 हजार मेट्रिक टन के विरूद्ध मात्र 20 हजार 273 मेेट्रिक टन एवं नवम्बर माह में 45 हजार टन के विरूद्ध 9 हजार 355 टन उर्वरक ही राज्य को मिला है। कृषि मंत्री ने डीएपी उर्वरक की आपूर्ति की ओर केन्द्रीय मंत्री का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अक्टूबर माह में 10 हजार मेट्रिक टन की आपूर्ति के बदले मात्र 5 हजार 681 टन तथा नवम्बर माह में 10 हजार टन के विरूद्ध मात्र 1651 मेट्रिक टन डीएपी उर्वरक प्राप्त हुआ है। उन्होंने राज्य की मांग के अनुरूप रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति का आग्रह किया।
कृषि मंत्री ने इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया को गोधन न्याय योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य में 10 हजार से अधिक गौठान स्वीकृत किए गए है, जिसमें से 7700 से अधिक गौठान स्थापित किए जा चुके हैं। इन गौठानों में पशुपालक किसानों से दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी की जा रही है। जिससे जैविक खाद का निर्माण एवं अन्य उत्पाद महिला समूह तैयार कर रहे हैं। अब तक 13 लाख 40 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं सुपर कमोस्ट प्लस का निर्माण किया गया है, जिसमें से लगभग 8 लाख 58 हजार क्विटल खाद सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य के किसानों रियायती दर पर उपलब्ध कराया गया है। केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने छत्तीसगढ़ सरकार की इस पहल की सराहना की।